Bilaspur News: बढ़ती गर्मी के बीच तेज धूप से हर कोई परेशान है. दिन में काम करने के लिए लोग छांव से धूप में जाने के लिए हिचकिचा रहे है. ऑफिस जाने वालों का भी घर से ऑफिस की दूरी तय करने में बुरा हाल हो रहा है. भीषण गर्मी से हर कोई बचना चाहता है. साथ ही घर में ठंडी हवा चाहते है लेकिन महंगे एसी -कूलर खरीद नहीं पा रहे है. लेकिन आज हम आपको एक सस्ते और देसी कूलर के बारे में बताने जा रहे हैं.


देशी कूलर की बिक्री से लाखों रुपए की कमाई


दरअसल छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक ग्रामीण शिवचरण सूर्यवंशी ने अपनी कलाकारी से देशी कूलर का निर्माण किया है. ये कूलर पानी भरने के लिए किए जाने वाले प्लास्टिक ड्रम से किया गया है. इसकी लागत के आसपास ही कूलर का दाम रखा गया है. 3 हजार से 7 हजार रुपए में ठंडी हवा देने वाला कूलर तैयार किया गया है. शिवचरण सूर्यवंशी बिल्हा जनपद के बसिया गांव के रहने वाले है. अब इस कूलर से लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे है.


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एक बार पानी भरने से दिनभर चलता है कूलर


बच्चे को टीन के कूलर से करंट लगने के बाद शिवचरण सूर्यवंशी प्लास्टिक ड्रम से कूलर निर्माण करने की शुरुआत की इससे बिजली के झटके की समस्या नहीं है. शिवचरण सूर्यवंशी ने बताया कि अक्सर घर में पानी भरने के लिए या राशन रखने के लिए 200 लीटर की क्षमता वाला ड्रम ग्रामीण रखते है. इसमें मोटर लगाया गया है और 55 लीटर पानी के क्षमता के साथ कूलर दिनभर चल सकता है. 


कैसे बनाया देशी कूलर? 


कोरोना काल में प्लास्टिक से कूलर बनाने का काम शुरू हुआ. शिवचरण सूर्यवंशी ने बताया की सबसे पहले घर के लिए कूलर बनाया गया इसके बाद लोगों ने इस कूलर पर दिलचस्पी दिखाई फिर लगातार कूलर बनाने लगा. अबतक 200 से अधिक कूलर बेच चुका हूं. इसे बनाने के लिए एक प्लास्टिक ड्रम, मोटर,कुछ लाइन के तार और बोर्ड की जरूरत होती है. ड्रम के पिछले हिस्से में गोलाकार छेद किया जाता है. इससे हवा कूलर की तरफ आता और यहां पर खस लगाया गया है जिससे हवा ठंडी हो जाती है.कूलर के निचले हिस्से में 55 लीटर तक पानी डाला जा सकता है. इससे दिनभर पानी डालने की समस्या छुटकारा मिल जाता है.


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