Bilaspur Latest News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर (Bilaspur) जिले में अपर सत्र न्यायाधीश ने भ्रष्टाचार के दोषी पटवारी (Patwari) को पांच साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही चार लाख रुपए अर्थदंड भी लगाया है. अगर पटवारी द्वारा जुर्माने की राशि जमा नहीं की जाती है तो उसे डेढ़ साल अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. बता दें कि 8 साल पहले एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पटवारी के ठिकानों में छापेमारी की थी, तब उसके पास से करीब 6 करोड़ रुपए की संपत्ति मिली थी, जिस पर अब फैसला आया है.


बरामद हुए थे करोड़ों रुपए के प्लॉट, जमीन के कागजात
वर्ष 2014 में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने तिफरा में पदस्थ पटवारी विनोद तंबोली के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था और उसके निवास सहित अन्य ठिकानों में दबिश दी थी. जांच के दौरान एसीबी ने उसके पास से 20 लाख रुपए नगद के साथ ही सोने-चांदी के गहने व करोड़ों रुपए के प्लॉट, जमीन, मकान के दस्तावेज भी बरामद किए थे.


बेटा-बेटी, पत्नी के नाम भी खरीद रखी थी संपत्ति
इसके अलावा एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच के दौरान पता चला कि आरोपी पटवारी ने खुद के साथ-साथ अपनी पत्नी पुष्पा तंबोली, बेटी अचला तंबोली, आभा तंबोली व बेटे अभिषेक तंबोली के नाम पर संपत्ति अर्जित की है. उसने अनुपातहीन संपत्तियों में भारतीय नगर में दो मंजिला आलीशान मकान, भारतीय नगर में ही 6 आवासीय प्लॉट, धौराभाठा में 14 एकड़ का फार्म हाउस, विभिन्न बैंक खातों में लाखों रुपए जमा करने के साथ ही करीब 1 किलो वजनी सोना व करीब साढ़े चार किलो वजनी चांदी के जेवर, जीवन बीमा व किसान विकास पत्र में निवेश किया था. इसी तरह उसके पास से कार के साथ ही तीन बाइक सहित करीब 6 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ था.


कुछ समय के लिए जेल में भी रहा तंबोली
एंटी करप्शन ब्यूरो ने केस दर्ज करने के बाद आरोपी पटवारी विनोद तंबोली की संपत्ति की जांच की और स्पेशल कोर्ट में 2017 में चालान पेश किया था. तब उस पर एक करोड़ रुपए से अधिक की अनुपातहीन संपत्ति हासिल करने का मामला सामने आया. लिहाजा, एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, तब कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया था. इस दौरान वह अगस्त से दिसंबर तक जेल में रहा, फिर उसे जमानत मिल गई थी.


1 करोड़ की संपत्ति का हिसाब नहीं दे सका पटवारी
एंटी करप्शन ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश और प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार जायसवाल की कोर्ट में इस केस का ट्रॉयल चल रहा था. कोर्ट ने पाया कि आरोपी पटवारी ने एक करोड़ 14 लाख 50 हजार 530 रुपए की अनुपातहीन संपत्ति बना रही थी, जिसका कोई लेखा-जोखा पेश नहीं किया गया. इस पर कोर्ट ने उसे भ्रष्टाचार के जरिए संपत्ति हासिल करने का दोषी माना और  उसे पांच साल कैद और चार लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई.


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