Chhattisgarh News: छत्तीसगढ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में ठंड के इस मौसम में भी सियासी माहौल काफी गरम है. जनपद पंचायत अध्यक्ष विनय पैकरा और उपाध्यक्ष भानू प्रकाश दीक्षित के खिलाफ ब्लाक डेवलपमेंट यानि कई बीडीसी कैंडिडेट ने अविश्वाश प्रस्ताव रखा है. जनपद पंचायत के दोनों पदों पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों का कब्ज़ा है. ऐसे में राजनीतिक गलियारे कयासआरायी का दौर तेज़ हो गया है. इस अविश्वाश प्रस्ताव के बाद जनपद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को नौ दिसम्बर को फ्लोर टेस्ट के ज़रिये बहुमत साबित करने को कहा गया है. जिसके बाद यह साफ़ हो जायेगा बीजेपी समर्थित जनपद पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अपने पद पर रहेंगे या नहीं.


बीजेपी के नेताओं क्या हैं आरोप 
विश्वास प्रस्ताव के राजनीतिक भवंर जाल मे फंसे बलरामपुर जनपद के उपाध्यक्ष भानू प्रकाश दीक्षित से एबीपी न्यूज़ से बात की. इस पर उन्होंने आरोप लगाया कि विवाद या अविश्वास जैसी परिस्थति नहीं थी जिससे बीडीसी अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लायें. इसमें कांग्रेस के कुछ दबंगो ने यह साजिश रची है. जिसके कारण अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को छोड़कर लगभग सभी 15 बीडीसी हमारे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. उन्होंने कांग्रेस के स्थानीय विधायक बृहस्पति सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सभी बीडीसी को 50-50 लाख रुपये का काम देने औऱ 3 से 5 लाख रुपये नगद देने का प्रलोभन अपनी तरफ मिलाने का प्रयास कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक 18 ब्लाक डवलपमेंट कंटीडेट (बीडीसी) वाले बलरामपुर जनपद पंचायत में 18 बीडीसी हैं. जिसमें से 13 के समर्थन के बाद बीजेपी समर्थित अध्यक्ष औऱ उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए थे.



स्थानीय कांग्रेस नेताओं का क्या है कहना 
कांग्रेस के कुछ दबंग नेतओं पर अविश्वास प्रस्ताव लाने के षडयंत्र वाले सवाल का जवाब देते हुए बलरामपुर-रामानुजगंज जनपद के कांग्रेस जनपद अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं क्योंकि जब अविश्वास प्रस्ताव आता है. तो विरोधी पार्टी तो ऐसे ही आरोप लगते हैं. स्थानीय विधायक पर 50-50 लाख के काम देने का प्रलोभन वाले आऱोप पर कांग्रेस जनपद अध्यक्ष ने कहा अगर खुद ही दिया होता तो हम पहले ही जनपद में सरकार बना लिये होते. यह सब कहने की बात है क्योंकि अविश्वास होना है तो कुछ ना कुछ तो आरोप लगायेंगे ही. इस आरोप को लेकर जब कांग्रेस के स्थानीय विधायक बृहस्पति सिंह से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया है तो उनसे सम्पर्क स्थपित नहीं हो सका. उनके निजी सयाहक अमित मांझी ने भी अलग अलग कारणों का हवाला दे कर बाद में बात करने को कहा. जिसके बाद उनको कई बार फ़ोन से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन उन्होंने कॉल रीसीव नहीं की.


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