Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के राजनैतिक गलियारों में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. इस साल के अंत में चुनाव होना है इसलिए नेता अब ज़्यादातर समय अपने विधानसभा क्षेत्र में बिताने का प्रयास कर रहे हैं. राज्य के दोनों प्रमुख दल चुनाव जीतने के लिए हर प्रकार के हथकंडों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी बीच प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. विपक्षी दल ने प्रदेश सरकार के घोषणापत्र में शराबबंदी के वादे की याद दिलाकर सत्ताधारी दल के नेताओं को घेरना शुरू कर दिया है. लेकिन सत्ता पर क़ाबिज़ भूपेश कुनबे के मंत्री इस मुद्दे पर कोई सार्थक जवाब देने के बजाय कुछ और ही बयानबाज़ी करते सुने जा रहे हैं.
बीजेपी के हमले पर क्या बोले प्रदेश के खाद्द मंत्री
चुनाव की नज़दीकियों के चलते हर दूसरे दिन अपने गृह ज़िले अम्बिकापुर पहुंचने वाले प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से जब यह सवाल किया गया कि बीजेपी नेता जन घोषणा पत्र के सबसे बड़े वादे शराबबंदी को लेकर मुखर हैं. तो इस पर मंत्री जी ने उल्टा बीजेपी नेताओं पर ही वार पर वार शुरू कर दिया. अमरजीत भगत के मुताबिक बीजेपी नेता शराब पीना छोड़कर शपथ पत्र दें कि मैं शराब नहीं पीता हूं और ना ही पीने का समर्थन करता हूं. इसके आगे मंत्री जी ने कहा कि बिना नाम लिए बोल रहा हूं कि बीजेपी नेताओं की पार्टी में शराब परोसी जाती है और ये बंद करने की बात करते हैं.
बिहार-गुजरात का दिया उदाहरण
मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि बिहार-गुजरात जहां शराबबंदी है वहां धड़ल्ले से शराब बिक रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता उस गुजरात को देखें जहां से उनके प्रधानमंत्री आते हैं. इन सब बातों के बीच जब मीडियाकर्मियों ने कहा कि साहब आपने शराबबंदी की घोषणा की थी, इस पर मंत्री जी ने कहा कि शराबबंदी सामाजिक चेतना का विषय है. लोग अगर अपने से छोड़ दें तो शराबबंदी की समिति इसकी सिफारिश करेगी. मतलब खाद्य मंत्री अंत तक ना ही ये माने कि शराबबंदी उचित है और ना ही उन्होंने शराबबंदी पर कोई सार्थक जवाब दिया.
ढाई करोड़ जनता से की वादा खिलाफी
छत्तीसगढ़ बीजेपी पिछड़ा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सोनी ने खाद्य मंत्री के जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. सोनी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने अपने झूठी घोषणा के साथ हाथ में गंगाजल लेकर शराबबंदी का वादा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ, इसलिए कांग्रेस नेता अनर्गल बयानबाज़ी कर रहे हैं. कांग्रेस ने शराबबंदी ना करके प्रदेश की ढाई करोड़ जनता से वादा खिलाफी की है. अखिलेश सोनी ने कहा कि गुजरात में शराबबंदी वर्षों से हैं और सफल है. मंत्री के बयान को बहानेबाज़ी बताते हुए सोनी ने कहा कि घोषणा पत्र के समय तो उसमें कोई किंतु परंतु नहीं जोड़ा गया था तो अब शराबबंदी ना करते कांग्रेस प्रदेश की महिला वर्ग के साथ छलावा कर रही है. चार साल बीत जाने के बाद भी अपना वादा ना पूरा करने वाले नेताओं का पर्दाफाश हो गया है.