Chhattisgarh Election News: विधानसभा चुनाव के पहले सियासी बयानबाजी का दौर तेज होता जा रहा है. नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इसी छत्तीसगढ़ में केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह (Renuka Singh) ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लेकर विवादित बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को धक्के मारकर इटली भेज देना चाहिए. उनके इस बयान कांग्रेस भड़क गई.


दरअसल, मंगलवार को भरतपुर सोनहत विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी के आरोप पर सीधे कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के भारत में रहने पर सवाल उठा दिया है. उन्होंने कहा कि वो(कांग्रेस) सोनिया गांधी को धक्का मारकर इटली भेजें उसके बाद मेरे से सवाल करें. उन्हें अपना घर देखना चाहिए की मेरा घर कांच का है या पक्के का है. इसके बाद दूसरे पर प्रश्न करना चाहिए.


अविभाजित कोरिया जिला मेरा मायका है. जनकपुर में मेरे पिता नौकरी किए है. मैं कई बार इस क्षेत्र में आती रही हूं. भरतपुर सोनहत की जनता न मुझसे अनभिज्ञ है और यहां की समसायों से मैं पूरी तरह से अवगत हूं. ये मेरी मिट्टी है, यहां के हवा पानी ने मुझे ऊर्जा दिया है.


बीजेपी के बयान को कांग्रेस ने बताया सनातन संस्कृति का अपमान
इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि रेणुका सिंह ने अपने बयान से भाजपा के नारी विरोधी मूल चरित्र को भी उजागर किया जो दंभ तो भारतीय संस्कृति की भरते है लेकिन भारतीय परंपराओं भारत की मान्यताओं के खिलाफ बयान देते है. रेणुका सिंह अपने बयान के लिये न सिर्फ देश की जनता बल्कि सोनिया गांधी और देश की महिलाओं से माफी मांगे उन्होंने अपने बयान से भारत की आधी आबादी की भावनाओं को आहत किया है.


सोनिया गांधी ने पति की मौत के बाद विवाहिता धर्म निभाया
इसके आगे दीपक बैज ने कहा कि रेणुका सिंह ने हिन्दू संस्कृति का अपमान किया. सनातन परंपरा में भारतीय संस्कृति में विवाहिता स्त्री का विवाह के बाद ही उसका ससुराल ही उसका मूल घर हो जाता है. सोनिया गांधी ने जन्म इटली में लिया था, लेकिन वे विवाहित होकर भारत आई थीं. विवाह के बाद उन्होंने भारत को ही अपनी मातृभूमि माना. अपने पति की शहादत के बाद भी उन्होंने विवाहिता के धर्म का निर्वहन किया और अपने जीवन भर का नाता भारत से जोड़ा. सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों को ठुकरा कर यह साबित किया उनके लिये पद महत्वपूर्ण नहीं है.


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