Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur: छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी भले ही अपना अस्तित्व तलाश रही हो. पर सूबे की मनेन्द्रगढ विधानसभा में आम आदमी पार्टी के चुनाव चिन्ह “झाड़ू” का इन दिनों जमकर बोल बाला है. विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी जैसे दोनों प्रमुख दल के प्रमुख नेता झाड़ू को लेकर सियासी बाज़ार गर्म करने का पुरज़ोर प्रयास कर रहे हैं. दरअसल मामला मनेंद्रगढ इलाक़े के कांग्रेस विधायक डॉ. विनय जायसवाल के झाड़ू मारने वाले बयान से शुरू हुआ.
'नगर पालिका के कर्मचारियों को झाडू से मारें महिलाएं'
तीन दिन पहले मनेन्द्रगढ विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने मनेन्द्रगढ नगर पालिका में पानी की समस्या लेकर पहुंचीं महिलाओं के सामने एक विवादित बयान दिया था जिसमें विधायक ने महिलाओं से कहा था कि वो नगर पालिका के कर्मचारियों को झाड़ू से मारकर आएं और उनको बता दें. ऐसे में अगर पुलिस उन पर कोई एक्शन लेती है तो फिर वो पुलिस को देख लेंगे. डॉ विनय जायसवाल का ये बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया. मनेन्द्रगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में उनके इस बयान को लेकर कर्मचारियों और आम लोगों ने नाराजगी जताई थी. ऐसे में भला फिर विपक्ष कैसे चुप रहता? लिहाज़ा विपक्षी दल बीजेपी ने चुनावी समर में उनके इस बयान को मुद्दा बना लिया और एक विवादित बयान दे डाला.
'झाड़ू तो आपको मारनी चाहिए क्योंकि आप यहां के विधायक हैं'
इलाके में भारतीय जनता पार्टी के एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम के दौरान मनेन्द्रगढ़ के पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल कांग्रेस विधायक को घेरते हुए कहा कि मैं वीडियो देख रहा था यहां के लोगों ने पानी सप्लाई की समस्या के लिए विधायक जी से शिकायत की. ऐसे में अगर विधायक जी ठीक होते तो उस समस्या को दूर करते लेकिन ऐसा करनेके बजाय विधायक जी ने नगर पालिका के कर्मचारियों को झाड़ू मारने के लिए बोला और कहा कि कुछ होगा तो पुलिस को मैं देख लूंगा. इतना ही नहीं श्याम बिहारी जायसवाल ने डॉ. विनय जायसवाल से सवाल किया कि अगर झाड़ू लेने से समस्या हल होती है तो हम भी झाड़ू ले लेते हैं लेकिन अंत में पूर्व विधायक ने एक विवादित बयान में ये कह दिया कि नगर पालिका के कर्मचारियों को नहीं.. झाड़ू से तो आपको पीटना चाहिए. क्योंकि आप क्षेत्र के विधायक हैं.
चुनावी साल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
विनय जायसवाल को लेकर दिए बयान के बाद बीजेपी विधायक श्याम बिहारी जायसवाल अचानक से सुर्खियों में आ गए हैं. अब देखना यह होगा कि आने वाले चुनाव में इस जुबानी जंग से किस पार्टी को कितना फायदा होता है.
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