Bastar News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में बीते महीने बीजेपी नेताओं की नक्सलियों द्वारा हत्या कर दी गई. इस बीच बस्तर में बीजेपी के पूर्व विधायक और नेताओं की सुरक्षा में कटौती की गई है. इसको लेकर बीजेपी ने विरोध दर्ज कराया है. नेताओं के सुरक्षा संबंधी विषय पर समीक्षा बैठक की गई जिसमें बस्तर के 8 बीजेपी नेताओं की सुरक्षा में कटौती कर दी गई.


चुनाव से पहले बीजेपी नेताओं की सुरक्षा में कटौती किए जाने से राज्य सरकार के फैसले का छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने विरोध किया है. हालांकि कांग्रेस के एक पूर्व नेता की भी सुरक्षा कम की गई है. बीजापुर के विधायक विक्रम शाह मंडावी के खिलाफ लगातार बयानबाजी भी कर रहे हैं, जिसके चलते उनकी सुरक्षा में कटौती किए जाने की बात सामने आ रही है.


बीजेपी के इन नेताओं की सुरक्षा हुई कम
 सुरक्षा में कटौती को लेकर बस्तर में राजनीति गरमाई हुई है. बस्तर के पूर्व विधायक सुभाउराम कश्यप की सुरक्षा को वाय प्लस से वाय श्रेणी कर दिया गया है. वहीं, चित्रकोट के पूर्व विधायक बैदूराम कश्यप की सुरक्षा को जेड से वाय श्रेणी कर दिया गया है, इसके अलावा पूर्व विधायक लछुराम कश्यप के भी सुरक्षा में कटौती करते हुए जेड से वाय श्रेणी कर दिया गया है. भानूप्रतापपुर के पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम की सुरक्षा वाय प्लस से एक्स श्रेणी कर दिया गया है. इसके अलावा  अंतागढ़ के पूर्व विधायक भोजराम नाग जेड श्रेणी को व्हाई श्रेणी कर दिया गया है.


कांग्रेस के इस नेता की कम हुई सुरक्षा
कांकेर के पूर्व विधायक शंकर धुर्वा की सुरक्षा घटाकर जेड से वाय श्रेणी की कर दी गई है. इसके अलावा पूर्व विधायक सुमित्रा मारकोल की सुरक्षा वाय प्लस से एक्स कर दी गई है. वहीं, कांग्रेस के पूर्व युवा आयोग सदस्य अजय सिंह की भी सुरक्षा में कटौती कर दी गई है. उन्हें वाय श्रेणी की सुरक्षा दी गई है.


बीजेपी ने लगाए यह आरोप
छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता केदार कश्यप का कहना है कि कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और बस्तर संवेदनशील इलाका है. इन इलाकों में चुनाव प्रचार और पार्टी के नेताओं की गतिविधियों पर नक्सलियों की नजर रहती है ,जिससे जनप्रतिनिधियों की जान को खतरा बना रहता है. इसी साल दंतेवाड़ा, नारायणपुर बीजापुर और बस्तर जिले में नक्सलियों ने एक के बाद एक 6 बीजेपी नेताओं की हत्या कर दी है, जिससे जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ भाजपा के कार्यकर्ताओं में भी नक्सलियों का डर बना हुआ है. बीजेपी नेताओं की सुरक्षा में राज्य सरकार ने जानबूझकर कटौती की है.


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