Raipur News: छत्तीसगढ़ में 2023 विधानसभा चुनाव की तैयारी बीजेपी ने भी शुरू कर दी है. लागातार दो दिन से प्रदेश पांचों संभाग की चुनावी रणनीति पर बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी रायपुर पहुंची है. 16 मई को बीजेपी ने एक बड़े प्रदर्शन का आवाह्न किया है. प्रदेशभर में बीजेपी कार्यकर्ता राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
16 मई को बीजेपी जेल भरो आंदोलन
दरअसल विपक्ष सत्ता पक्ष को घेरने की रणनीत संभागवार बना रही है. संभागों की प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की है. इसके बाद निर्णय लिया गया है. धरना आंदोलन रैली पर गृह विभाग की तरफ जारी नए आदेश के खिलाफ 16 मई को पूरे प्रदेश में बीजेपी जेल भरो आंदोलन करेगी. बीजेपी की प्रदेश प्रभारी ने गृह विभाग के आदेश को मिनी एमरजेंसी कहा है. लोगों की अपने हक की लड़ाई लड़ने का पूरा अधिकार होना चाहिए.
अपको बता दें की हालही में गृह विभाग की तरफ से धरना प्रदर्शन की अनुमति के लिए नया प्रारूप जारी किया है. अब धरना देने वाले को गृह विभाग से अनुमति लेनी पड़ेगी. इसका बीजेपी ने पुरजोर ढंग से विरोध करने जा रही है.
बीजेपी का आरोप वर्मी कंपोस्ट की जगह मिट्टी दे रही सरकार
रविवार को छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश कार्यलय में डी पुरंदेश्वरी ने प्रेस कांफ्रेंस किया है. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है की सरकार किसानों को वर्मी कम्पोस्ट खरीदने के लिए दबाव बना रही है और वर्मी कम्पोस्ट की जगह किसानों को मिट्टी दिया जा रहा है. सरकार की सारी योजनाएं फेल है और राज्य सरकार केंद्र सरकार की योजनाओं में सहयोग प्रदान नहीं कर रही है. पीएम आवास योजना का लाभ छत्तीसगढ़ की जनता को नहीं मिल रहा है.
कांग्रेस ने पूछा बीजेपी से पूछा सवाल
इधर, सत्ता पार्टी की तरफ से कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि दो दिन की बैठक के बाद भी बीजेपी हमारी सरकार के खिलाफ एक भी मुद्दा नहीं खोज पाई. यह हमारी सरकार की बड़ी उपलब्धि है. भूपेश बघेल सरकार ने साढ़े तीन साल में जो काम किए उसका काट बीजेपी के पास नहीं है. जिस विषय पर बीजेपी का जेल भरो आंदोलन है. कांग्रेस का सवाल है कि बीजेपी की सरकार में 15 साल तक उसी कानून से आंदोलन के लिए अनुमति देती थी. बीजेपी की प्रदेश प्रभारी को जवाब देने चाहिए जो कानून आपकी सरकार में प्रजा तांत्रिक थी आज के समय में अलोकतांत्रिक हो गए.
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