छत्तीसगढ़ के बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले सप्ताह भर से नक्सलियों का खूनी खेल जारी है और एक-एक कर अब तक तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की नक्सलियों ने जान ले ली है. लगातार बीजेपी कार्यकर्ताओं को टारगेट कर उन्हें जान से मारने के पीछे बीजेपी के नेता इसे राजनीतिक षड्यंत्र बता रहे हैं. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भी आरोप लगाया है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को टारगेट कर उन्हें मारा जा रहा है और यह पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र है, राज्य सरकार के संरक्षण में नक्सली बीजेपी के लोगों की हत्या कर रहे हैं.
वहीं बस्तर के बीजेपी नेता केदार कश्यप ने भी आरोप लगाया कि हमारे नेताओं को चिन्हाकित कर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, साथ ही नेताओं की सुरक्षा भी हटा ली गई है, इन हत्याओं की न्यायिक जांच की जानी चाहिए और नक्सलियों के टारगेट में रहने वाले सभी बीजेपी के नेताओं को सरकार की ओर से सुरक्षा दी जानी चाहिए.
तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं को उतारा मौत के घाट
बस्तर में नक्सलियों ने सप्ताह भर में तीन बीजेपी नेताओं की हत्या की है जिनमें पहली वारदात को नक्सलियों ने बीजापुर में अंजाम दिया है जहां उसूर ब्लॉक के बीजेपी मंडल अध्यक्ष नीलकंठ ककेम के घर में घुसकर नक्सलियों ने धारदार हथियार से परिजनों के सामने उनकी गला रेतकर हत्या कर दी और दूसरी घटना शुक्रवार की देर रात नारायणपुर जिले के छोटे डोंगर में बीजेपी जिला उपाध्यक्ष सागर साहू के घर में घुसकर नक्सलियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी और वहीं तीसरी घटना शनिवार की रात नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले के हितामेटा गांव के पूर्व सरपंच और बीजेपी के सक्रिय नेता रामधर अलामी की हत्या कर दी.
इन तीनों वारदात को नक्सलियों ने बीजेपी नेताओं के घर में घुसकर अंजाम दिया है, वहीं नक्सलियों के द्वारा इन वारदात के बाद प्रदेश में सियासत भी गरमाई हुई है और लगातार बीजेपी राज्य सरकार को इसके लिए दोषी ठहरा रही है. साथ ही इन तीनों घटनाओं की न्यायिक जांच की मांग कर रही है. इसके अलावा कुछ हफ्ते पहले बस्तर जिले के बास्तानार इलाके में भी बीजेपी जिला महामंत्री बुधराम करटम के भी मौत को भी हत्या की साजिश बताकर बीजेपी नेता इसकी जांच करने की मांग कर रहे है, हालांकि बस्तर पुलिस ने बीजेपी जिला महामंत्री के मौत को दुर्घटना बताया है,लेकिन मृतक के परिजनों के साथ बीजेपी के नेताओं ने इस घटना की दोबारा जांच करने की मांग की है.
इधर लगातार हो रहे इन वारदात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी बयान दिया था कि बीजेपी के नेताओं को चुन-चुन कर मारा जा रहा है और यह राज्य सरकार के संरक्षण में हो रहा है, वहीं बस्तर के दिग्गज बीजेपी नेता केदार कश्यप ने भी आरोप लगाया है कि नक्सलियों को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए इस तरह बीजेपी नेताओं को निशाना बनाकर हत्या की जा रही है.
केदार कश्यप का कहना है कि अंदरूनी इलाकों में रहने वाले बीजेपी के कई नेताओं की सुरक्षा हटा दी गई है, जिस वजह से नक्सली बेखौफ होकर घर में घुसकर बीजेपी नेताओं की हत्या कर रहे हैं, केदार कश्यप ने राज्य सरकार की पुलिस से नक्सलियों के टारगेट में रहने वाले बीजेपी नेताओं को सुरक्षा देने की मांग की है.
हालांकि इन आरोपों को लेकर बस्तर के सांसद दीपक बैज ने पलटवार किया है. दीपक बैज का कहना है कि बीजेपी नेताओं को नक्सली हिंसा पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है. बीजेपी के शासनकाल में हुए झीरम घाटी हमले में नक़्सलियों द्वारा कांग्रेस की एक पूरी पीढ़ी समाप्त कर दी गयी थी.
कई दिग्गज नेताओं की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. बीजेपी शासन के 15 सालों के मुकाबले बीते 4 साल में नक्सली वारदाते कम हुई है, लगातार सुरक्षा का वातावरण तैयार कर अंदरूनी गांव में विकास पहुंचाया जा रहा है, राज्य सरकार नक्सलियों को बैकफुट पर लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
बीजेपी ने की सुरक्षा देने की मांग
गौरतलब है कि इस साल नवंबर या दिसंबर माह में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी ने बस्तर से ही चुनावी प्रचार का शंखनाद कर दिया है, बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों में लगातार बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार कर रही है ,लेकिन जिस तरह से बीते सप्ताह भर में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की नक्सलियों ने हत्या की है ऐसे में बीजेपी के नेताओं के सामने चुनौती भी खड़ी हो गई है.
इस घटना के बाद से बीजेपी के नेता अंदरूनी क्षेत्रों में रहने वाले और नक्सलियों के टारगेट में रहने वाले सभी बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देने की मांग कर रहे हैं. इधर पहले ही बस्तर संभाग में विभिन्न राजनीतिक दलों के 100 से अधिक नेताओं की सुरक्षा के लिए 500 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है. जिसमें कई नेताओं को Y और Z प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है.
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