Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में 'मिशन 2023' के लिए आज मंथन करेंगी बीजेपी, सत्ता के लिए इन चुनौतियों से पार पाना होगा
Chhattisgarh Politics: बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने छत्तीसगढ़ में कदम रखते ही कहा कि यहां बीजेपी के सामने कोई चुनौती नहीं है. वहीं कांग्रेस ने कहा कि उसके सामने बीजेपी की कोई चुनौती नहीं है.
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रायपुर: छत्तीसगढ़ में 'मिशन 2023' के लिए बीजेपी (BJP) आज मैराथन बैठक कर रही है. बीजेपी के नए प्रदेश प्रभारी ओम माथुर (Om Mathur) इस बैठक में शामिल होने के लिए रायपुर पहुंच गए हैं. बीजेपी पदाधिकारियों की यह बैठक दिन भर चलेगी. बैठक में छत्तीसगढ़ में कमल खिलाने के लिए बीजेपी के सामने मौजूद चुनौतियों पर चर्चा होगी. बीजेपी को इस बार छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के किसान और छत्तीसगढ़िया सरकार से मुकाबला करना है. बीजेपी के नेता आज इसी मुकाबले की रणनीति बनाएंगे.
बीजेपी की बड़ी चुनौतियां क्या हैं
दरअसल बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर सोमवार को ही रायपुर पहुंच गए है. आज सुबह से रात तक पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी. लेकिन ओम माथुर ने छत्तीसगढ़ में कदम रखते ही एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के लिए कोई चुनौती नहीं है. रायपुर एयरपोर्ट में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हर चुनाव को चुनौती मानकर चलती है. हमने बड़ी-बड़ी चुनौतियां देखी हैं और छत्तीसगढ़ में हमारे लिए कोई चुनौती नहीं है. आगे उन्होंने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में आने वाला कल भाजपा का है.
कांग्रेस ने बीजेपी पर क्या आरोप लगाए
इधर, ओम माथुर के बयान पर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने पलटवार किया है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ओम माथुर ने सच स्वीकारा है.छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की मजबूती के सामने वास्तव में बीजेपी को कोई चुनौती नहीं है. ओम माथुर को प्रभारी बनने के साथ इस बात की जानकारी हो चुकी थी. इसलिए प्रभारी बनने के बाद वो छत्तीसगढ़ आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे. वे बड़ी हिम्मत करके तीन महीने बाद छत्तीसगढ़ आए है. मोहन मरकाम ने आगे कहा कि बीजेपी कांग्रेस से इतनी डरी हुई है कि 2018 की हार के बाद अभी तक 4 प्रदेश अध्यक्ष,एक नेता प्रतिपक्ष और 3 प्रभारी बदला है.
ये होंगी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौतियां
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ से छत्तीसगढ़िया तक का एक लंबा सफर तय किया है. राज्य के प्रमुख तीज त्यौहार और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार ने कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं. पिछले चार साल से तीजा-पोला त्योहार मुख्यमंत्री निवास में मनाया जा रहा है. गोवर्धन पूजा भी मुख्यमंत्री निवास में होती है. हर जिले में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा लगाई जा रही है.इससे कांग्रेस सरकार पर छत्तीसगढ़िया का टैग लगा है. कांग्रेस सरकार ने किसानों और भूमिहीन किसानों इनपुट सब्सिडी देकर साथने की कोशिश की है. बीजेपी के सामने ये बड़ी चुनौतियां होंगी.
किस इलाके से बीजेपी को मिलेगी चुनौती
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि ओम माथुर के बयान से ये बात भी साफ है की बीजेपी छत्तीसगढ़ की भुगौलिक स्थिति को लेकर आश्वस्त है. क्योंकि बस्तर और सरगुजा संभाग ट्राइबल बेल्ट में आते है. यहां छत्तीसगढ़िया वाद का कोई खास असर नहीं रहता है. वहीं पिछले उपचुनाव की बात करें तो खैरागढ उपचुनाव में कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़िया वाद का कोई खास लाभ नहीं हुआ था. क्योंकि कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत वहां झोंक दी थी और खैरागढ़ को नया जिला बनाने की घोषणा करनी पड़ी. राजनीतिक जानकारों का ये भी मानना है कि बीजेपी केवल ट्राइबल बेल्ट को चुनौती मानती है. शहरी इलाकों में बीजेपी का स्ट्राइक रेट चुनाव के आते आते ठीक हो सकता है.
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