छत्तीसगढ़ में प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत सात लाख से अधिक लाभार्थियों को घर से वंचित रखने का आरोप लगाते हुए राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है. विपक्षी बीजेपी 15 मार्च को विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान एक लाख लाभार्थियों के साथ विरोध प्रदर्शन करेगी.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने राज्य की कांग्रेस सरकार को गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि आवास योजना से वंचित सात लाख से अधिक हितग्राहियों ने अब तक पुष्टि की है कि उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार 'मोर आवास, मोर अधिकार रोक कर रखा है. इस बाबत बीजेपी ने विरोध के लिए एक पोस्टर भी जारी किया.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा- “छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार के दौरान, योजना के कार्यान्वयन में नंबर एक स्थान हासिल करने के लिए तीन वर्षों में 7.56 लाख घरों का निर्माण किया गया था. लेकिन 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद घरों का निर्माण ठप हो गया.' उन्होंने कहा, "नरेंद्र सिंह तोमर और गिरिराज सिंह सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने योजना के कार्यान्वयन के संबंध में राज्य को पत्र लिखे हैं, लेकिन राज्य सरकार ऐसा नहीं करने के अपने फैसले पर अड़ी रही."
राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए साव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्भाग्य से कहा कि राज्य सरकार उस योजना में अपना हिस्सा नहीं दे सकती जो प्रधानमंत्री के नाम पर है. "इस सरकार ने 16 लाख परिवारों को पीएम आवास योजना के तहत घर से वंचित कर दिया है और इसके विरोध में हम 15 मार्च को छत्तीसगढ़ विधानसभा का घेराव करने जा रहे हैं. लगभग एक लाख लाभार्थी और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे."
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