Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पिछले एक महीने में बीजेपी के चार नेताओं की हत्या को लेकर बीजेपी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का गुस्सा कांग्रेस सरकार पर फूट पड़ा है. बीजेपी नेताओं की लगातार हो रही नृशंस हत्या के विरोध में बीजेपी और भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) ने सोमवार देर शाम शहर में मशाल यात्रा निकाली, साथ ही प्रदेश में बढ़ रहे नक्सल हिंसा, हत्या, बलात्कार, लूटपाट, चाकूबाजी और अपराधिक गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर बस्तर के एसपी को ज्ञापन सौंपा, जगदलपुर शहर में निकाली गई इस मशाल रैली में बीजेपी के नेताओं के साथ बड़ी संख्या में भारतीय जनता युवा मोर्चा के लोग शामिल हुए.
एक माह में नक्सलियों ने की बीजेपी के नेताओं की हत्या
भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अविनाश श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार के संरक्षण में पूरे छत्तीसगढ़ में लगातार अपराधिक मामले बढ़ रहे हैं, यही नहीं बस्तर संभाग में नक्सलियों के हौसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि बीजेपी नेताओं को टारगेट कर उन्हें घर में घुसकर उनकी हत्या कर रहे हैं, बीते 1 महीने में ही 3 बीजेपी नेताओं की नक्सलियों ने हत्या कर दी है, जबकि एक और नेता की भी संदिग्ध हालत में मौत हुई है, जिसको लेकर लगातार बीजेपी न्यायिक जांच की मांग कर रही है.
सरकार के संरक्षण में नक्सली हिंसा का आरोप
भारतीय जनता युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष का कहना है कि 1 महीने के भीतर बीजेपी के 4 नेताओ की हत्याएं हुए हैं. उन सब की सीबीआई जांच होनी चाहिए, राज्य सरकार के संरक्षण में ही नक्सली इस तरह के वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, और अंदरूनी क्षेत्रों में बीजेपी के कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं में भी भय का माहौल बना हुआ है, कानून- व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है ,वही बीजेपी के जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा मुहैया कराने में भी सरकार रुचि नहीं ले रही है, जिसको लेकर बीजेपी के लोगों में काफी नाराजगी है, और नक्सल हिंसा के साथ बढ़ते अपराधों को लेकर आपराधिक तत्वों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग सरकार से की है.
बीजेपी के नेताओं से गरम है प्रदेश की सियासत
गौरतलब है कि बीजेपी के नेताओं की नक्सलियों द्वारा हत्या को लेकर पूरे प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है और बीजेपी कांग्रेस सरकार को घेरने में लगी हुई है, हालांकि बस्तर के कांग्रेसी नेता नक्सलवाद की वजह से कांग्रेस को भी काफी नुकसान होना बता रहे हैं, और बीजेपी शासनकाल के 15 सालों के मुकाबले कांग्रेस के इन 4 साल के कार्यकाल में बस्तर में नक्सलवाद काफी बैकफुट पर होने का दावा कर रहे हैं.