Surguja News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा (Surguja) जिले में बीजेपी युवा मोर्चा (BJP Yuva Morcha) के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने सरगुजा आरटीओ कार्यालय (Surguja RTO Office) का 10 सूत्रीय मांगों को लेकर घेराव किया. इस दौरान पुलिस और बीजेपी युवा मोर्चा के पदाधिकारियों के बीच जमकर झड़प देखने को मिली. दरअसल, सरगुजा जिले में आरटीओ विभाग की उड़नदस्ता टीम के द्वारा जबरन अवैध वसूली (Illegal Recovery) सहित फिटनेस को लेकर सरगुजा आरटीओ कार्यालय का बीजेपी युवा मोर्चा द्वारा घेराव किया गया.
कार्यप्रणाली दुरुस्त करने की दी चेतावनी
सरगुजा जिले के सभी मंडलों से जब बीजेपी युवा मोर्चा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता आरटीओ कार्यालय का घेराव करने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें आरटीओ कार्यालय के सामने ही रोक लिया जिसके बाद पुलिस और कार्यकर्ताओं में झड़प देखने को मिली. बीजेपी युवा मोर्चा के लोग काफी मशक्कत के बाद आरटीओ कार्यालय के पास पहुंचे और आरटीओ अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर विभाग की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने की बात कही.
इसके साथ ही बीजेपी युवा मोर्चा ने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं होता है तो आने वाले समय में बीजेपी उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी. वहीं, आरटीओ अधिकारी ने बताया कि इनकी जो भी मांगें हैं, वह बेबुनियाद हैं फिर भी इनके दिए गए आवेदनों पर जांच की जाएगी जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
भ्रष्टाचार के मामले में पहले नंबर पर परिवहन विभाग- BJYM
वहीं, सरगुजा बीजेपी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर ने कहा कि परिवहन विभाग भ्रष्टाचार की सूची में पहले नंबर पर है. उन्होंने कहा कि अम्बिकापुर सहित पूरे सरगुजा संभाग में जिस तरह से परिवहन विभाग ने लूट मचा रखी है, पूरी जनता व व्यवसाय करने वाले, ट्रक चलाने वाले, बस के मालिक, छोटे रेत का परिवहन करने वाले, सभी इससे त्रस्त हो चुके हैं. हमें लगातार शिकायत मिल रही थी कि परिवहन विभाग का उड़नदस्ता कहीं पर भी वाहनों को रोककर वसूली शुरू कर देता है. इनके द्वारा भ्रष्टाचार के साथ गुंडागर्दी भी की जा रही थी.
'हम सरकारी नियम के तहत कर रहे कार्रवाई'
सरगुजा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सीएल देवांगन ने भाजयूमो के आरोपों पर कहा कि उनके ये आरोप सही नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा गलत चीजों को लेकर मांग की जा रही है. इसमें ओवरलोडिंग पर संरक्षण देने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ओवरलोडिंग के फाइन दस गुना बढ़ा दिए हैं. अब दो तीन टन भी ओवरलोडिंग होती है तो 40 से 50 हजार फाइन लगता है, पर इनको लग रहा है कि यह हमारे द्वारा किया जा रहा है लेकिन हम सेंट्रल गवर्नमेंट के नियम के तहत कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा इनके द्वारा कहा जा रहा है कि वाहन फिटनेस के लिए 10 हजार का खर्चा लग रहा है, लेकिन इनको 10 हजार का खर्चा कैसे और क्यों लग रहा है इसकी जानकारी नहीं है.
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