Budget 2022: केंद्रीय वित्तमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बजट पूर्व बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आम बजट को लेकर राज्य की उम्मीदें और प्रस्ताव रखे. विज्ञान भवन में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री बघेल ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई, कोल उत्खनन पर केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने और नक्सल उन्मूलन के लिए तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर किये 15 हजार करोड़ के व्यय की प्रतिपूर्ति की मांग की. बैठक में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही अन्य राज्यों के वित्तमंत्री भी उपस्थित रहे.


GST से राज्यों को राजस्व का हुआ नुकसान- बघेल


बैठक में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोविड 19 के कारण आर्थिक गतिविधियों के बाधित होने से राज्यों की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. केंद्र से मिलने वाली राशि प्राप्त होने पर राज्य सरकार विकास कार्यक्रमों एवं योजनाओं में व्यय कर सकेगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व का नुकसान हुआ है, आगामी वर्ष में राज्य को लगभग 5000 करोड़ के राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था केंद्र की तरफ से नहीं की गयी. इसलिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के बाद भी 5 वर्षों के लिए जारी रखा जाये. इसके साथ ही बघेल ने कहा कि 3 वर्षों के केन्द्रीय बजट में छतीसगढ़ को केन्द्रीय करों से हिस्से की राशि 13,089 करोड़ कम प्राप्त हुई है. आगामी बजट में केन्द्रीय करों के हिस्से की राशि पूरी राज्य को दी जाये.  


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उन्होंने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 294 रुपये प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य में तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर राज्य शासन का खर्च 15 हजार करोड़ हो चुका है. इसकी प्रतिपूर्ति के लिए अगले बजट में विशिष्ट प्रावधान किए जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल पर केन्द्रीय उत्पाद कर कटौती से राज्य के हिस्से की राशि में कमी और वैट से मिलने वाले राजस्व में भी कमी होगी. इसलिए भविष्य में उत्पाद कर के स्थान पर उपकरों में कमी की जाए. 


प्रति परिवार 1100 रुपये प्रीमियम की सीमा बढ़ाने की मांग


बघेल ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में बेहतर क्रियान्वयन करने वाले राज्यों के लिए प्रति परिवार 1100 रुपये प्रीमियम की सीमा बढ़ाने की मांग की. उन्होंने कहा इससे हितग्राहियों की संख्या बढ़ेगी और बड़ी आबादी को इसका लाभ मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पात्र परिवार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत भी पात्र होने चाहिए. बैठक में बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना एवं जल जीवन मिशन में भी राज्यों की सहभागिता को कम कर केंद्र का अंश 75 प्रतिशत किया जाये.


बघेल ने इसके अलावा केंद्रीय बजट में रायपुर में इन्टरनेशनल कार्गो टर्मिनल, केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय का एक कैंपस एवं वोकल फॉर लोकल योजनांतर्गत विपणन केन्द्र के स्थापना की भी मांग रखी. इसके साथ ही बैठक में बघेल ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों एवं मजदूरों को उदारतापूर्वक राशि दिये जाने, मनरेगा की मजदूरी दर श्रम आयुक्त की दरों के बराबर करने, दलहन/तिलहन उत्पादन हेतु विशेष प्रोत्साहन देने संबंधी सुझाव दिए.