Ambikapur News: सरगुजा जिले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल भवन के प्रोजेक्ट को एक बार फिर झटका लगा है. राशि समाप्त होने के बाद निर्माण कार्य को बंद कर दिया गया है. कॉलेज प्रबंधन और निर्माण एजेंसी फिलहाल बची हुई राशि से मेडिकल कॉलेज भवन के काम को पूरा करने में लगी हुई हैं. हालांकि कॉलेज प्रबंधन ने शासन को 70 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा है. माना जा रहा है कि बजट की मंजूरी के बाद निर्माण फिर से शुरू हो जाएगा. लेकिन पूरी प्रक्रिया में लंबा समय लग सकता है. ऐसे में अस्पताल भवन का काम ठंडे बस्ते में चला गया है. 


राशि समाप्त होने के बाद निर्माण बंद


बता दें कि राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय (Rajmata Smt. Devendra Kumari Singhdev Government Medical College) में भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है. भवन निर्माण में मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, क्वार्टर सहित अन्य निर्माण कराए जा रहे हैं. कॉलेज, हॉस्टल, क्वार्टर सहित अन्य निर्माण लगभग पूरा होने को हैं लेकिन मेडिकल कॉलेज के अस्पताल भवन निर्माण पर शुरू से संकट मंडरा रहा है. टेंडर के बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया. अक्टूबर 2019 में अस्पताल की जमीन पर विवाद के कारण कोर्ट का स्टे लग गया.


लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद आखिरकार कोर्ट से जून 2021 में स्टे हटा. इस बीच कोरोना महामारी की वजह से भी मेडिकल कॉलेज के अन्य निर्माण प्रभावित हुए. यही वजह है कि निर्माण की राशि में बड़ा अंतर गया है. शासन से जारी राशि अब समाप्त होने की कगार पर है. ऐसे में अस्पताल भवन के निर्माण कार्य को फिलहाल रोकना पड़ा है. प्रबंधन का कहना है कि कॉलेज भवन का काम पहले पूर्ण कराया जा रहा है ताकि मेडिकल स्टूडेंट की पढ़ाई जारी रहे.  


70 करोड़ रुपए का भेजा गया प्रस्ताव


शासन से राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में भवन निर्माण के लिए कुल 374 करोड़ की स्वीकृति मिली थी. स्वीकृति के बाद मार्च 2019 में 366 करोड़ की लागत से निर्माण का टेंडर जारी किया गया. 168 करोड़ की लागत से हॉस्पिटल भवन का काम होना था. लेकिन इस बीच निर्माण में हुई लेटलतीफी, कोर्ट का स्टे और महंगाई के कारण निर्माण की लागत बढ़ गई. और अब 70 करोड़ रुपए की जरूरत है.


पूर्व में स्वीकृत राशि और टेंडर के बीच अंतर की वजह से लगभग 8.82 करोड़ रुपए बचे हैं. प्रबंधन को 62 करोड़ रुपए की और जरूरत है. ऐसे में कॉलेज प्रबंधन और लोक निर्माण विभाग ने शासन को कुल 70 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा है. राशि समाप्त होने से पहले प्रबंधन मेडिकल कॉलेज के एकेडमिक भवन का निर्माण पूरा करने पर जोर दे रहा है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी पिछले दिनों स्वशासी समिति की बैठक में निर्माण कार्यों की समीक्षा की थी.


उन्होंने कॉलेज के लिए राशि उपलब्ध कराने का आश्वासन देने और कार्यों को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया है. मेडिकल कॉलेज में अस्पताल, कॉलेज भवन और आडिटोरियम के अलावा 1.61 करोड़ रुपए की लागत से जी प्लस 1 टाइप के स्टाफ क्वार्टर, डीन एवं मेडिकल अधीक्षक यूनिट 2 का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. इसके साथ ही 170 फ्लैट के 8 ब्लॉक में रेसिडेंसियल क्वार्टर का निर्माण जी प्लस 3 टाइप में कराया जा रहा है. उसकी लागत 25.20 करोड़ रुपए है.


अस्पताल परिसर में ही 7 नग हॉस्टल का निर्माण कराया जा रहा है जो 1025 बेडेड होंगे. जी प्लस 3 टाइप के इस हॉस्टल का निर्माण लागत 30 करोड़ रुपए है. अस्पताल में 2.83 करोड़ रुपए की लागत से जी प्लस 1. टाइप के गेस्ट हॉउस, 15 करोड़ रुपए की लागत से एनीमल हॉउस, सेंट्रल किचन, सेंट्रल वर्क शॉप, सेंट्रल गैस प्लांट, एचवीएसी रुम, ओवर हेड टैंक, 33 केवीए के सब स्टेशन, गैस पाइप लाइन, ट्रासफार्मर, पैनल रूम और अन्य निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं. 


लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर वीके सिंह वेदिया ने बताया कि बची राशि से एक प्रोजेक्ट को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है और निर्माण के लिए लगभग 70 करोड़ रुपए चाहिए. इसलिए हॉस्पिटल भवन के कार्य को रोका गया है. राशि के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन डॉ. आर मूर्ति ने बताया कि कोरोना काल और कोर्ट के स्टे की वजह से निर्माण की लागत में अंतर आई है. हमने पूर्व में शेष 8 करोड़ और नए 62 करोड़ को मिलाकर कुल 70 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है. शासन से स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा. 


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