छत्तीसगढ़ में आज माध्यमिक शिक्षा मंडल के नतीजे घोषित कर दिए. इसमें टॉप टेन में अम्बिकापुर की एक छात्रा ने जगह बनाई है. हाई स्कूल में टॉप टेन में छठवीं पोजिशन लाने वाली छात्रा वंशिका गुप्ता स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम की छात्रा है. शहर की बेटी ने अपनी इस सफलता का श्रेय परिजनों और अपने टीचर्स को दिया है. 


छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के नतीजे घोषित होते ही अम्बिकापुर के एक परिवार में खुशियाँ ही खुशियाँ छा गईं. दरअसल शहर के घुटरापारा निवासी रितेश कुमार गुप्ता और विजयलक्ष्मी गुप्ता की सुपुत्री वंशिका गुप्ता शहर के आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम की छात्रा है. वंशिका पिछले तीन साल से प्रदेश सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना के तहत आत्मानंद स्कूल में पढ़ाई कर रही है. वशिंका ने हाई स्कूल की बोर्ड परीक्षा में 97.5 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं और प्रदेश की वरीयता सूची के छठवें स्थान पर आई है. वंशिका के साथ छठवें पोजिशन में अन्य तीन छात्र-छात्राएँ भी शामिल हैं, जिन्होंने इस परीक्षा में 97.5 प्रतिशत अंक अर्जित किए हैं. इनमें मुंगेली जिला की मीनाक्षी साहू, जशपुर जिले की आरती चौहान और जशपुर जिले के ही योगेश सिंह के नाम भी शामिल हैं. 


डाक्टर बनना चाहती हैं वंशिका


हाई स्कूल में टापर्स की सूची में अपना स्थान बनाने वाली वंशिका गुप्ता ने इस सफलता के लिए खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि मैं बिना ट्यूशन के पढ़ाई करती थी और मेरे टीचर्स और पैरेंट्स का मुझे बहुत सपोर्ट मिलता था. टॉप करने वाली वंशिका बताती हैं कि वो बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती हैं. इधर वंशिका ने आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि ये स्कूल बहुत अच्छा है और यहाँ के सभी टीचर्स बहुत अच्छे हैं. उन्हीं सबके चलते आज मैंने ये मुकाम हासिल किया है. वंशिका ने अपने स्कूल प्रिंसिपल ब्रिजेश सर की भी तारीफ की है. वंशिका ने बाकी स्टूडेंट्स के लिए कहा है कि जो स्टूडेंट्स कम मार्क्स आने के कारण दुखी हो जाते हैं, उनको दुखी न होकर बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि अभी उनके पास पूरा फ्यूचर पड़ा है. 


वंशिका की मां विजय लक्ष्मी गुप्ता ने कहा कि आज बहुत खुशी का दिन है. आज मेरी बेटी ने अम्बिकापुर ही नहीं पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है. उन्होंने वंशिका के साथ सभी बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मेरी बेटी की ही तरह अन्य बच्चों ने भी मेहनत किया है. वंशिका की मां ने बताया कि उसका पढ़ाई में ही पूरा फोकस रहता था. वो ट्यूशन कोचिंग बोलने पर भी नहीं जाती थी. खुद से पढ़ाई करती थी. उन्होंने आगे कहा कि अगर वंशिका डाक्टर बनना चाहती है तो हम लोग इसको हर फैसिलिटी देगें और आगे इसको क्या करना है ये उस पर डिपेंड करता है. अंत में बेहद खुशी जाहिर करते हुए विजय लक्ष्मी ने कहा आज हम लोग बहुत खुश हैं, खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं है.