Chhattisgarh: 12 साल की नरगिस ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में किया ऐसा कमाल, CM बघेल ने की तारीफ
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बुधवार को दसवीं बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट जारी कर दिया. इस परीक्षा में नरगिस नाम की छात्रा ने कम उम्र में ही 10वीं की परीक्षा में कामयाबी हासिल कर इतिहास रच दिया.
Balod News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बालोद जिला में रहने वाली महज 12 साल की नरगिस (Nargis) ने सातवीं क्लास में पढ़ाई करने के साथ-साथ सीधे 10वीं बोर्ड की परीक्षा में भी शामिल हुई थीं. इस परीक्षा में उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और प्रतिभा से 90.5 फीसदी अंकों के साथ कामयाबी हासिल किया है. नरगिस के इस कामयाबी पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कहा कि नरगिस ने मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.
नरगिस ने छत्तीसगढ़ में रचा इतिहास
दरअसल बालोद जिला के स्वामी आत्मानंद स्कूल में पढ़ने वाली नरगिस खान सातवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थीं, इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल से आग्रह किया था कि उन्हें 10वीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाए. नरगिस के आत्मविश्वास और क्षमता से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री ने माध्यमिक शिक्षा मंडल को उचित कार्रवाई के लिए निर्देश दिया था. शायद नरगिस प्रदेश की पहली बेटी है जिसने 12 साल की कम उम्र में दसवीं की परीक्षा पास कर इतिहास रच दिया है. इतना ही नहीं नरगिस ने कक्षा सातवीं में भी 90.5 फीसदी अंक हासिल किए हैं और इसी साल सातवीं और दसवीं की परीक्षायें दी हैं.
सीएम बघेल ने कहा मेरा सर गर्व से ऊंचा कर दिया
बुधवार को जारी हुये दसवीं के नतीजों में नरगिस ने 90.5 फीसदी अंक प्राप्त किये हैं. रिजल्ट आने के बाद बालोद विधायक संगीता सिन्हा के साथ नरगिस और अन्य मेधावी बच्चों ने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नरगिस ने मेरा सर गर्व से ऊंचा कर दिया है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बच्चों की उपलब्धि पर खुशी जताते हुये उनके उज्जवल भविष्य की कामना की.
सीएम बघेल के निर्देश के बाद नरगिस का हुआ था आईक्यू टेस्ट
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नरगिस का मेडिकल बोर्ड के माध्यम से आईक्यू लेवल टेस्ट कराया, जिसके आधार पर कार्यपालिका एवं वित्त समिति की संयुक्त बैठक में नरगिस को स्वाध्याय परीक्षार्थी के रूप में 2023 की हाईस्कूल परीक्षा में शामिल होने की विशेष अनुमति दी गयी. नरगिस के संघर्ष का सुखद परिणाम यह हुआ कि मुख्यमंत्री के इस भरोसे पर वह खरी उतरी और उनका सर गर्व से ऊंचा कर दिया. उन्हें दसवीं की परीक्षा में 90.5 फीसदी अंक मिले और उनकी इस उपलब्धि ने प्रदेश को गौरवान्वित किया है.
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