CGPSC 2021 भर्ती घोटाला में अब EOW भी करेगी जांच, दर्ज किया मामला
CGPSC 2021 Scam: विधानसभा चुनावों में बीजेपी सीजीपीएससी में घोटाले के मामले में प्रमुखता से उठाया था. तत्कालीन सीजी पीएससी अध्यक्ष टाम सिंह सोनवानी समेत कई नामजद किए गए हैं.
Chhattisgarh News: सीजीपीएससी के बहुचर्चित घोटाला मामले में अब ईओडब्ल्यू में भी जांच होगी. सीजीपीएससी 2021 भर्ती घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज हुई है. एबीपी न्यूज़ ने पब्लिक इंट्रेस्ट शो में प्रमुखता से घोटाले की खबर दिखाई थी. तत्कालीन सीजी पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी समेत कई नामजद किए गए हैं. सीजीपीएससी 2021 में कई रसूखदार अधिकारी और नेताओं के बच्चों के चयन की बात सामने आई थी. छत्तीसगढ़ सरकार पहले इस मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा कर चुकी है. 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाया था था.
छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने एक्स पर कहा, "आज CGPSC महाघोटाले के आरोपी पूर्व अधिकारियों एवं नेताओं पर EOW ने FIR दर्ज कर दी है. इस महाघोटाले में अपने भविष्य की बलि देने वाले मेरे सभी बच्चों को आश्वस्त करता हूँ कि आपके साथ हुए अन्याय का हिसाब होगा. गुनहगार बचेंगे नहीं, हम आपकी प्रतिभा का सौदा करने वालों को उनके अंजाम तक पहुँचा कर रहेंगे."
आज CGPSC महाघोटाले के आरोपी पूर्व अधिकारियों एवं नेताओं पर EOW ने FIR दर्ज कर दी है।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) February 7, 2024
इस महाघोटाले में अपने भविष्य की बलि देने वाले मेरे सभी बच्चों को आश्वस्त करता हूँ कि आपके साथ हुए अन्याय का हिसाब होगा।
गुनहगार बचेंगे नहीं, हम आपकी प्रतिभा का सौदा करने वालों को उनके अंजाम तक…
एक और सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस पार्टी ने अपनी सरकार में जिला खनिज न्यास मद में पैसों के बंदरबांट के लिए एक नियम बनाया था, जिससे कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हुआ और पैसों की अफरातफरी. भ्रष्ट कांग्रेस सरकार में खनिज विभाग के संचालक द्वारा 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी कर यह व्यवस्था दी गई थी कि जिले के खनिज अमले द्वारा ई-परमिट का भौतिक सत्यापन होने के बाद ही ई-ट्रांजिट पास जारी किया जा सकेगा. इस आदेश के माध्यम से इसके पहले जो ऑनलाईन प्रक्रिया थी उसको बंद करके ऑफलाइन किया गया था. जिससे प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप शुरू हुआ, भ्रष्टाचार के आक्षेप लगे और परिवहन में भी विलंब होता था. लेकिन आज छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक दिन है कि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचारी दीमक रूपी इस नियम को ही खत्म कर दिया. अब छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के लिए बिल्कुल भी जगह नहीं है."