Chhattisgarh: ओवर लोड गाड़ियों, ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की अब खैर नहीं! मोबाइल वे-पैड से हो जाएगी ऑटोमेटिक कार्रवाई
Chhattisgarh Traffic Rules: परिवहन मंत्री ने मोहम्मद अकबर ने कहा कि प्रदेश में ओवर लोड गाड़ियों की चेकिंग के लिए 7 मोबाइल वे-ब्रिज की व्यवस्था की गई है.
Challan Process In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में ओवर लोड गाड़ियों की अब खैर नहीं. छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग ने मोबाइल वे-पैड से ओवरलोड गाड़ियों में चालान प्रक्रिया की शुरुआत और यूपीआई आधारित क्यूआर बेस्ड भुगतान सुविधा की शुरुआत की है. इसके साथ चालानी कार्रवाई में पारदर्शिता के लिए पीओएस मशीन का उपयोग किया जाएगा. इससे ओवरलोड माल वाहक गाड़ियों पर तुरंत कार्रवाई करने पर आसानी होगी. इसलिए परिवहन विभाग ने 7 मोबाइल वे-ब्रिज की खरीदी की गई है.
ओवर लोड गाड़ियों की चेकिंग के लिए नई मशीनों की खरीदी
दरअसल बुधवार को राजधानी रायपुर में परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने इस नई सुविधा का शुभारंभ किया है. इस मशीन को मंत्री ने अपने बंगले में ही चेक करवाया है. मोबाइल वे-ब्रिज से कार का वजन कराया गया है. इसके बाद परिवहन मंत्री ने मोहम्मद अकबर ने नई व्यवस्था को लेकर मीडिया से कहा कि प्रदेश में ओवर लोड गाड़ियों की चेकिंग के लिए 07 मोबाइल वे-ब्रिज की व्यवस्था की गई है. इससे प्रवर्तन अमले के द्वारा कहीं पर भी गाड़ी का वजन कराया जा सकेगा और प्रवर्तन में पारदर्शिता आएगी. पीओएस के माध्यम से ऑनलाइन चालान होने से प्रवर्तन में पारदर्शिता आयेगी. यूपीआई आधारित क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान करने की नई सुविधा भी शुरू की जा रही है.
छत्तीसगढ़ में चार लाख माल वाहक गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही
इस नई व्यवस्था की जरूरत को लेकर परिवहन मंत्री ने कहा कि ओवरलोड गाड़ियों से जहां शासन को राजस्व का नुकसान होता है, वहीं सड़कें भी समय से पहले खराब हो जाती हैं. अब इन ओवर लोड गाड़ियों पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग ने मोबाइल वे-ब्रिज खरीद लिया है. परिवहन विभाग के सभी फ्लाइंग स्क्वाड को मोबाइल वे-ब्रिज दिया जा रहा है.
इससे माल वाहक गाड़ियों का वजन चेक किया जा सकेगा. उन्होंने ये भी बताया है कि प्रदेश में करीब चार लाख माल वाहक गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही हैं. इसके साथ प्रदेश से महाराष्ट्र, बंगाल, गुजरात, झारखंड, पंजाब, उत्तर-प्रदेश और बिहार आदि राज्यों की गाड़ियां गुजरती हैं. अत्यधिक संख्या में गाड़ी होने के वजह से सभी गाड़ी की जांच करने में समस्या होती है. अगर ओवर लोड गाड़ियां पकड़ी भी गई तो इनके वजन का माप करने के लिए धर्मकांटा ले जाना पड़ता है. ऐसे में धर्मकांटा दूर होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
खदानों और उद्योगों के बाहर रहेगा मोबाइल वे-ब्रिज
परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रदेशभर की खदानों और उद्योगों से निकलने वाली ज्यादातर गाड़ियां ओवर लोड रहती हैं. मोबाइल वे-ब्रिज के आने के बाद इसे खदानों और उद्योगों के बाहर खड़ा कर दिया जाएगा. उसके बाद खदानों और उद्योगों से निकलने वाली गाड़ियों की जांच कर कार्रवाई होगी.
चालानी कार्रवाई के लिए पीओएस मशीन का होगा उपयोग
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक ट्रैफिक नियमो को तोड़ने वालों के चालानी कार्यवाई में पारदर्शिता बनी रहे और काम जल्दी हो इसके लिए पूरे प्रदेश भर पीओएस मशीन के जरिये ई चालान और ईपेमेंट की शुरुआत की जा रही है. किसी व्यक्ति के पास जुर्माने की राशि नही है और ऑनलाइन भुगतान की कोई सुविधा भी नही है. तो उसका गाड़ी नम्बर और मोबाइल नम्बर फीड किया जाएगा. उससे एक लिंक जनरेट होगा. जो उसके फोन पर आएगा. इस नंबर पर पीओएस के जरिये लिंक भेजी जाएगी., जिस पर तीन दिन के अंदर भुगतान करना होगा या फिर परिवहन कार्यालय में जाकर भी राशि भरी जा सकती है.
एक से अधिक दफा नियमों को तोड़ा तो बताएगी मशीन
ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों की अब खैर नहीं है. यदि पहले ई-चालान कटा है और दूसरी दफा फिर नियमों को तोड़ते पकड़े गए तो यह पीओएस मशीन पुराना रिकार्ड बता देगी. परिवहन विभाग से मिली जानकारी अनुसार पीओएस मशीन कई तरह से काम करेगी. इसमें एक साफ्ट वेयर है. इसके पीछे एक कैमरा भी लगा है जो मौक़े की फोटो उतारेगा. जिसमें ट्रैफिक नियमों की नए मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक विभिन्न धाराओं और उनके जुर्माने की राशि फीड है जिस धारा का उल्लंघन होगा उसको भरते ही जुर्माने की राशि सामने आ जायेगी और उसे भरना पड़ेगा.
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