Chhattisgarh Naxal News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के अंदरूनी गांव में रहने वाले दो युवकों के CRPF में भर्ती होने की सजा नक्सलियों ने उनके परिवार वालों को दी है. पुलिस में शामिल होने से नाराज नक्सलियों ने जवानों के परिवार वालो को गांव छोड़ने का फरमान जारी किया है और ऐसा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी है. नक्सलियों ने जवानों के परिवार वालो को अपना घर जमीन सब छोड़कर गांव खाली करने को कहा है. दरअसल कुटरू थाना क्षेत्र के दरबा गांव के एक ही परिवार के दो युवक पुलिस में शामिल होने के लिए पिछले कई सालों से प्रयासरत थे.
6 महीने पहले ही दोनों युवक सीआरपीएफ की भर्ती में सिलेक्ट होकर अपनी सेवा दे रहे हैं. बस इसी बात की भनक नक्सलियों को लग गई और कुछ दिन पहले दोनो जवान के छोटे भाई को नक्सली अपने साथ उठाकर ले गए और पूरे परिवार वालो को नक्सलियों ने अपने गांव की जमीन और घर द्वार को छोड़कर जाने को कहा. ऐसा नहीं करने पर पूरे परिवार वालो को जान से मारने की धमकी दी. जिसके बाद अब जवान के परिवार वाले अपने घर द्वार को छोड़ दूसरा ठिकाना ढूंढ रहे हैं. जानकारी मिली है कि दंतेवाड़ा जिले के नकुलनार में चिकनपाल में अस्थाई बसेरा बसाने के लिए परिवार वाले गांव छोड़कर निकल गए हैं.
CRPF में नौकरी करने से नाराज है नक्सली
नक्सलियों के दहशत की वजह से बीजापुर जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के दरबा गांव के परिवार को अपना घरबार गांव खेती छोड़कर जाना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि इनके परिवार के दो युवक सीआरपीएफ में भर्ती हुए हैं. इस वजह से नाराज नक्सलियों ने उन्हें गांव छोड़ने का फरमान जारी किया है. यही नहीं उन्हें इस गांव में आगे कभी खेती किसानी नहीं करने की भी हिदायत दी है. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जिंदगी भर की मेहनत की कमाई भी अपने गांव में छोड़कर जाना पड़ रहा है, उन्होंने बताया कि दोनों जवान के छोटे भाई रंजीत कुंजाम को नक्सली अपने साथ उठाकर ले गए.
गांव छोड़कर जाने को मजबूर होना पड़ा
नक्सलियों ने चेतावनी दी कि उनके दोनों भाइयों के सीआरपीएफ में शामिल होने से नक्सली संगठन पूरी तरह से नाराज है. जिस वजह से पूरे परिवार को गांव छोड़ना पड़ेगा और अगर गांव नहीं छोड़ेंगे तो पूरे परिवार को खत्म कर दिया जाएगा. इस धमकी के बाद जवानो के पूरे परिवार को दरबा गांव छोड़कर जाने को मजबूर होना पड़ा है. दोनों जवानों के परिवार के करीब 12 सदस्य गांव छोड़कर जाने की तैयारी कर लिए हैं. सीआरपीएफ में भर्ती हुए एक जवान की पत्नी ने बताया कि उनके पति सीआरपीएफ में कब भर्ती हुए, उन्हें खुद नहीं मालूम है, वे पिछले 3 महीने से घर नही आये है और उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं है.
ऐसे में नक्सलियों को उनकी सूचना तंत्र से यह जानकारी लग गई की गांव के दो युवक जो एक ही परिवार के है और भाई है सीआरपीएफ में भर्ती हो चुके हैं. इधर नक्सलियों के फरमान के बाद अपनी जान की सुरक्षा को देखते हुए परिवार वालों ने गांव से पूरे अपने घर के सामानों को समेटकर निकल चुके हैं. वहीं जानकारी मिली है कि वह दंतेवाड़ा के चिकनपाल गांव में अस्थाई बसेरा कर रहे हैं.
अंदरूनी गांव के युवाओं में बना डर का माहौल
इधर नक्सलियों के दहशत की वजह से अपने गांव और खेती किसानी को छोड़ पलायन करने के मामले में पुलिस की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है. सुरक्षा के लिहाज से गांव को खाली करना ही ग्रामीणों ने उचित समझा है. इधर इस मामले में बस्तर के आईजी सुंदरराज पी से संपर्क किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई. वहीं बीजापुर के एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने बताया कि उनके पास जवान के परिवार वालो की नक्सलियों द्वारा धमकी की लिखित में ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है, हालांकि जरूर इसकी जांच की जा रही है. इधर इस घटना के बाद अंदरूनी क्षेत्रों के युवाओं के द्वारा पुलिस और सीआरपीएफ में अपनी सेवा दे रहे जवानों के मन में अपने परिवार को लेकर डर समा गया है.
ये भी पढ़ें: Chhattisgarh: बकरे की आंख बनी शख्स की मौत की वजह, कच्चा निगल गया, गले में अटका, थम गई सांसें