Chhattisgarh के स्कूली छात्रों ने खोज निकाला एस्टेरॉयड, NASA के साथ मिलकर चलाया गया था अभियान
Mungeli News: मुंगेली जिले के एक स्कूल के बच्चों ने अमेरिका की स्पेस एजंसी नासा के साथ मिलकर एस्टेरॉयड खोज निकाला है. अब इन बच्चों की खूब तारीफ हो रही है.
Chhattisgarh News: पूरी दुनिया अब विज्ञान की ओर देख रही है. ब्रह्मांड के बारे में जानने के लिए लोगों की जिज्ञासा बढ़ती जा रही है. यही कारण है कि आज स्कूल के बच्चे खगोल विज्ञान में अपनी गहरी रुचि ले रहे है. इस बीच छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के स्कूली छात्रों ने एक एस्टेरॉयड खोज निकाला है. दरअसल मुंगेली जिले के स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी विद्यालय के विद्यार्थियों ने नासा (NASA) के साझेदारी में किए जाने वाले इंटरनेशनल एस्टेरॉयड सर्च कैम्पेन में हिस्सा लिया और एस्टेरॉयड की खोज की है. इन्हें एएसएम0123, एएसएम0104 का नाम दिया गया है. बता दें की विद्यार्थियों द्वारा अपने रूटीन पढ़ाई के साथ-साथ एस्ट्रोफिजिग्स के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है.
पढ़ाई के साथ-साथ एस्ट्रोफिजिग्स पढ़ रहे हैं छात्र
स्कूल की व्याख्याता पारूल ओझा और हायर सेकेण्डरी कक्षा के आर्यन कुजुर, प्रांजल श्रीवास्तव, समीर बंजारे और अन्य विद्यार्थियों के समूह ने खगोल विज्ञान के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता एस्टेरॉयड सर्च कैम्पेन में हिस्सेदारी की है. इस प्रतियोगिता में अंतरिक्ष में पाए जाने वाले एस्टेरॉयड की खोज के लिए विशेष अभियान चलाया जाता है. इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अभियान में विद्यार्थी द्वारा एक एस्टेरॉयड की खोज की गई है.
Kota News: कोटा में बड़ा हादसा, उज्जैन जा रही कार चंबल नदी में गिरी, दूल्हा समेत 9 लोगों की मौत
एस्टेरॉयड कैसे खोजा जाता है
बता दें कि इग्नाईट एस्टेरॉयड सर्च कैम्पेन यह एक सिटीजन साइंस प्रोग्राम है. जिसमें छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले एस्ट्रोनोमिकल डाटा मुहैया कराया जाता है. यह एक विश्व स्तरीय योजना है जिसमें अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है. इसके अन्तर्गत टेलिस्कोप द्वारा चित्र लिए जाते है, जिसे बच्चों को सेट में चार चित्र कार्य करने के लिए दिए जाते हैं. इस में छात्रों को एस्ट्रोनोमिकल सॉफ्टवेयर की मदद से मुविंग आजेक्ट की खोज करनी होती है. उसके बाद सिग्नल टू नॉइज रेशियो गति की दिशा आदि प्रापर्टी को चेक करना होता है.
ऐसे होता है एस्टेरोइड का नामकरण
खोज पूरी होने के बाद सब कुछ सही होने पर एस्टेरॉइड को नाम दिया जाता है. नाम देने का भी अपना एक तरीका होता है. जिसमें पहले तीन अल्फाबेट और चार नम्बर होते हैं. छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों द्वारा खोजे गए एस्टेरॉइड को एएसएम0123, एएसएम0104 का नाम दिया गया है.
सलमान खान छत्तीसगढ़ में कर सकते हैं टाइगर 3 की शूटिंग,जानें सीएम भूपेश बघेल से फोन पर क्या हुई बात?