Dharamjeet singh PC: छत्तीसगढ़ में जनता कांग्रेस में फूट के बाद राजनीतिक उथल पुथल मचा हुआ है. इस बीच पार्टी से निकाले गए धरमजीत सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर अमित जोगी पर गंभीर आरोप लगाए है. उन्होंने कहा है कि अमित जोगी ने मेरी बीमार पत्नी के साथ दुर्व्यवहार किया है. मैंने जोगी परिवार का हर सुख दुख में साथ दिया था. जोगी कांग्रेस का फाउंडर सदस्य हूं. लेकिन मेरे साथ ऐसा सलूक किया गया है.
गंभीर आरोप लगाए
दरअसल रविवार को जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने विधायक दल के नेता धरमजीत सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया था. इसके बाद धरमजीत सिंह ने रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले में अपना पक्ष रखा है. इसके अलावा उन्होंने अमित जोगी पर कई गंभीर आरोप भी लगाए है. धरमजीत सिंह ने सभी आरोपो को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि अपने कुकर्मों को छुपाने के लिए मुझे निष्काषित किया है. मेरी पत्नी को फोन कर अमित जोगी ने बत्तमीजी की सभी सिमा लांघ दिए है. अपमान की जिंदगी जीने से अच्छा मै मौत पसंद करूंगा.
मेरी पत्नी को दी गाली
धरमजीत सिंह ने आगे कहा कि अमित शाह के कार्यक्रम में हिस्सा बनने पर अमित जोगी गुस्सा थे. उन्होंने कहा कि अगर अमित शाह के कार्यक्रम में जाने से पीड़ा थी, तो मुझसे पूछना चाहिए था. लेकिन अमित जोगी ने मेरी पत्नी को फोन कर असभ्य भाषा का प्रयोग किया. मेरी पत्नी रो रही थी. उन्होंने आगे कहा कि अमित शाह से मिलना आसान नहीं होता. हम दर्शक बन कर गए थे, उनको सुनकर वापस आ गए. मैं अपने सम्मान से समझौता नही कर सकता,भले अपने विधायक का पद ठुकरा दूंगा. आगे उन्होंने कहा कि जितनी उसकी उम्र है मैं तब से राजनीति कर रह हूं. वहीं बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर कहा कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं था.
इस प्रेस कांग्रेस में जनता कांग्रेस के एक और विधायक प्रमोद शर्मा भी शामिल थे. उन्होंने भी धरमजीत सिंह का समर्थन किया है. उन्होंने अमित जोगी पर आरोप लगाया है कि अमित जोगी बाथरूम में बैठकर फैसला करते है. अगर मुझे भी पार्टी से बाहर निकलना चाहते है तो निकाल दे. वो स्वतंत्र है. ये जो बैठक बुलाई गई थी, इसकी हमे कोई जानकारी नहीं है. केवल मीडिया से हमे जानकारी मिली है.
अमित जोगी का जवाब
धरमजीत सिंह की पीसी के बाद अमित जोगी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि ठाकुर धर्मजीत सिंह जी मेरे लिए सदैव आत्मीय और सम्मानीय थे, हैं और रहेंगे. मेरे संस्कार मुझे यह अनुमति नही देते कि मैं अपने वरिष्ठजनों विशेषकर वो जो मेरे पिता की राजनीतिक छाया में पले बढ़े, उनकी किसी भी बात पर उनके विरुद्ध कुछ कहूँ. दुख केवल इस बात का है कि धरमजीत चाचा को क्षेत्रीय स्वाभिमान छोड़कर, छत्तीसगढ़ का एकनाथ शिंदे बनना ज्यादा रास आया. रही बात मेरे विरुद्ध अनाप-शनाप बातें करने की तो मैं केवल इतना ही कहूँगा कि ये बातें ठाकुर धरमजीत सिंह नही बल्कि उनके अंदर का एकनाथ शिंदे बोल रहा है.
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