Chattisgarh News: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 31 मार्च को अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 13 करोड़ 62 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे. इसमें एक मार्च से 28 मार्च तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 3.78 करोड़ रूपए भुगतान और गौठान समितियों को 5.85 करोड़ और महिला समूहों को 3.99 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं. 


अब तक कितनी राशि का भुगतान किया गया
बता दें कि गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में ग्रामीणों से 2 रूपए की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है. गौठानों में 28 फरवरी तक खरीदे गए 64.92 लाख क्विंटल गोबर के एवज में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 129.86 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है. 31 मार्च को गोबर विक्रेताओं को 3.78 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 133.64 करोड़ रूपए हो जाएगा. गौठान समितियों को भी अब तक 50.03 करोड़ रूपए तथा महिला स्व-सहायता समूहों 32.67 करोड़ रूपए राशि लाभांश का भुगतान किया जा चुका है. 31 मार्च को गौठान समिति को 5.85 करोड़ और स्व-सहायता समूह को 3.99 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर क्रमशः 55.88 करोड़ और 36.66 करोड़ रूपए हो जाएगा.


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गौठानो में कई कारोबार किये जा रहे
गौठानों में महिला समूहों द्वारा गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय गोबर से बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है. महिला समूहों द्वारा 12 लाख 45 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, 4 लाख 77 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट और 17 हजार 368 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है. जिसे सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्न विभागों और किसानों को रियायती दर पर प्रदाय किया जा रहा है. महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां और अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं. 


इन चीजों का भी हो रहा उत्पादन
गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी, मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन और पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. इससे महिला समूहों को अब तक 58 करोड़ 44 लाख रूपए की आय हो चुकी हैं. छत्तीसगढ़ में गौठानों से 11,693 महिला स्व सहायता समूह सीधे जुड़े हैं. जिनकी सदस्य संख्या 78,298 है. गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरुआत की जा चुकी है. गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए एमओयू हो चुका है.


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राज्य में इतने गौठान अब तक बनाये गए
राज्य में गोधन के संरक्षण और सर्वधन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है. गौठानों में पशुधन देख-रेख, इलाज और चारे-पानी का निःशुल्क बेहतर प्रबंध है. राज्य में अब तक 10,591 गांवों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है. जिसमें से 8,366 गौठान निर्मित और संचालित हैं. जिसमें से 3,006 गौठान आज की स्थिति में स्वावलंबी हो चुके हैं. 


स्वावलंबी गौठानों में अब तक स्वयं की राशि से 13 करोड़ 18 लाख रूपए का गोबर क्रय किया गया है. गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं. गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है. इस योजना से एक लाख 12 हजार से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं.