Chhattisgarh News: लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) में सामाजिक सद्भाव और एकता के उदाहऱण देखने को मिल जाते हैं. सूर्य उपासना का त्योहार छठ छत्तीसगढ़ में भी धूमधाम से मनाया जाता है. छठ में घाटों का विशेष महत्व है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ के सरोवर से ऐसी तस्वीर सामने आई है जो सौहार्द की मिसाल पेश कर रही है.
यहां के वार्ड पार्षद मोहम्मद अजमुद्दीन अंसारी तालाब की सफाई करने में लगे हुए हैं. ऐसे में पर्व त्योहार के मौके पर आपसी सद्भाव और भाईचारे का अनूठा मिसाल देखने को मिलता है. मोहम्मद अंसारी तालाब में साफ सफाई के कार्य में जुटे हुए हैं. अजमुद्दीन अंसारी ने बताया की प्रतिवर्ष इस तालाब में छठ व्रती हजारों की संख्या में तालाब में स्नान करती हैं और ढलते और उगते सूर्य को अर्घ्य देती हैं. इसी को देखते हुए अंसारी के साथ उनके वार्ड के युवा तालाब की साफ सफाई के साथ ही घाट की सुंदरता के काम में लगे हुए हैं.
सरोवर से निकाले जा रहे कील और कांच के टुकड़े
मोहम्मद अंसारी ने कहा, ''सरोवर में विसर्जन की हुई मूर्तियां हैं जिन्हें निकालकर साफ कर रहे हैं. पूरे घाट को साफ करते हैं. सरोवर से कांच निकालते हैं. चुंबक की मदद से कील निकालते हैं ताकि माता-बहनें जो पूजा के लिए आती हैं उनको ना लगे. नगर पालिका का सदस्य साफ सफाई में पांच महीने से लगा हुआ है. मैं भी आता-जाता रहता हूं. मुख्य काम सरोवर को साफ करने का है.''
व्रतियों के लिए कराई जा रही यह व्यवस्था
उन्होंने बताया कि छठ व्रतियों को कपड़ा चेंज करने में दिक्कत होती है इसलिए पूरे सरोवर में पर्दा लगाया जा रहा है ताकि उन्हें कपड़ा चेंज करने में दिक्कत ना हो. मोहम्मद अंसारी ने बताया कि छठ घाट और तालाब सफाई को लेकर कोई शासकीय फंड नहीं मिलता है. इसलिए वार्ड पार्षद स्थानीय युवाओं के साथ हर साल छठ त्यौहार के वक्त तालाबों की साफ सफाई कराते हैं.
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