Chhatisgarh News : पढ़ाई में प्रोत्साहन के लिए सरकारें कई योजनाएं चला रही है. लेकिन आप छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के मुसुरपुट्टा गांव के एक कदम से शायद नहीं जानते होंगे. इस गांव के 10वीं और 12वीं की परीक्षा में टाप करने वाले विद्यार्थियों को हवाई यात्रा कराई जाती है. इस हवाई यात्रा के दौरान उन्हें ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जाता है. जिससे की वे भारत की संस्कृत और इतिहास से भी परिचित हो सकें. हालांकि कोरोन काल के दौरान पिछले दो वर्षों से हवाई यात्रा नहीं कराई जा सकी है. ऐसे में गांव के 80 फीसदी से ज्यादा नंबर लाने वाले 35 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया है. वहीं इस साल परीक्षा में टाप करने वाले को सिंगापुर भेजने की बात कही गई है.

2008 में शुरु हुई ये पहल
मुसुरपुट्टा गांव में टाप करने वालों को सम्मानित करने की शुरुआत 2008 में की गई थी. वहीं साल 2013 से टाप करने वाले को हवाई यात्रा कराई जाने लगी है. इस दौरान अब तक गांव के टाप करने वाले छात्र दिल्ली, मुंबई, नेपाल, सिक्किम, भूटान, वैष्णों देवी, श्रीनगर, हरिद्वार, अट्टारी सीमा, उज्जैन, हैदराबाद, अहमदाबाद, बेंगलुरु, कन्याकुमारी, रामेश्वरम, तिरुपति आदी जगह जा चुके हैं. 

परीक्षा परिणामों पर पड़ा असर
जब से मुसुरपुट्टा गांव में पढ़ाई में अच्छा करने पर सम्मानित करने की ये पहल हुई है इसका सीधा असर बच्चों के परीक्षा परिणाम पर देखा गया है. पहली बार जब ये पहल शुरु हुई तो 2008-09 में 10वीं में इंदु मरकाम 50 फीसदी और 12वीं में अरविंद भारती 64 फीसदी के साथ टाप पर रहे थे. वहीं 2009-10 में 10वीं में तेजांशू 76 फीसदी और 12वीं मे जागृति साहू 76 फीसदी के साथ टाप रहे. जबकि 2010-11 में 10वीं में वीरेंद्र कुमार 50 फीसदी और 12वीं में इदु मरकाम 61 फीसदी के साथ टाप पर रहे. 


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