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Chhatisgarh News: कद छोटा लेकिन काम बड़ा करता है बलरामपुर का जगमोहन, जानें- कैसे बदली किस्मत
Balrampur News: केसारी झगराहीपारा के जगमोहन ने कहा, "मेरे छोटे कद के कारण मुझे कोई काम नहीं मिलता था और न ही आमदनी का कोई स्त्रोत था, लेकिन मनरेगा ने हमारी किस्मत ही बदल दी. अब मैं बहुत खुश हूं."

आर्थिक तंगी से भी जुझ रहा था छोटे कद के जगमोहन का परिवार
Balrampur News: 'कहते हैं कद छोटा हुआ तो क्या हुआ, काम तो बड़ा करता है' इस वाक्य को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का जगमोहन सिंह Jagmohan Singh) चरितार्थ कर रहा है. दरअसल बलरामपुर (Balrampur) जिले के वाड्रफनगर (Wadrafnagar) के ग्राम पंचायत केसारी झगराहीपारा में रहने वाले 25 साल के जगमोहन की कद मात्र 3.5 फीट होने के कारण आसपास के सभी लोग उसे जानते तो हैं, लेकिन रोजगार नहीं मिल पाने से परेशान रहता था. साथ ही 8 सदस्यों वाले संयुक्त परिवार होने और सीमित आमदनी होने के कारण जगमोहन का परिवार पहले से ही आर्थिक तंगी से जुझ रहा था.
ऐसे में आदिवासी किसान सगुनाथ सिंह के बेटे जगमोहन पर काम करने का दबाव हमेशा बना रहता था. 10वीं पास जगमोहन पर ग्राम पंचायत की नजर पड़ी और फैसला लिया गया कि यदि जगमोहन को मनरेगा कार्यों में मेट के लिए नियोजित किया जाए, तो उसकी बेरोजगारी को आसानी से दूर किया जा सकता है. मनरेगा मेट के लिए जगमोहन तैयार भी हो गया. पिछले 3 महीने से जगमोहन मनरेगा मेट का कार्य बड़ी ईमानदारी से कर रहा है. समय पर मजदूरों से चर्चा कर कार्य में नियोजित करना, मस्टरोल और अन्य रजिस्टर मेंटेनेंस को करना उसकी हर दिन के काम में शामिल है.
जगमोहन ऐसे मिला काम का ऑफर
जगमोहन से बात करने पर उसने कहा, "मेरे छोटे कद के कारण मुझे कोई काम नहीं मिलता था और न ही आमदनी का कोई स्त्रोत था, लेकिन मनरेगा ने हमारी किस्मत ही बदल दी. मुझे बिना बाहर गए गांव में मेरे अनुकूल मेट कार्य का रोजगार भी मनरेगा के द्वारा मिल गया. मैं बहुत खुश हूं." पंचायत वाड्रफनगर के सीईओ वेद प्रकाश पांडेय ने बताया कि एक दिन केसारी जा रहा था, तो जगमोहन को सड़क किनारे खड़ा देखकर काम करने के लिए पूछा. इसपर जगमोहन ने भी काम करने पर सहमति जताई. इसके बाद उसे ग्राम पंचायत केसारी में मेट का काम करने के लिए लगा दिया गया. अब वह मनरेगा में काम करने वालों की हाजरी भरता है.
अभी मिलते हैं हर दिन के 193 रुपये
उन्होंने बताया कि अभी अकुशल श्रमिक की दर से उसे हर दिन के हिसाब से 193 रुपये दिया जाता है. बाद में कुशल होने पर 394 रुपये मिलेगा। उन्होंने आगे बताया कि वाड्रफनगर क्षेत्र में मनरेगा से केवल सामान्य श्रमिकों को ही नहीं बल्कि वंचित वर्गों जैसे बौना, विकलांग, विधवा, निराश्रितों को भी समान रूप से रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, ताकि उनके आमदनी में वृद्धि भी हो और समाज के मुख्यधारा में शामिल हो सके.
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
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