Bastar: 2018 में जिस संभाग में हुआ BJP का सूपड़ा साफ, वहां कांग्रेस को मंथन की जरूरत क्यों? इनसाइड स्टोरी
Bastar News: बस्तर में जीत के लिए प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया (PL Punia) और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम (Mohan Markam) 4 दिनों तक बस्तर संभाग के 12 सीटों पर मंथन करेंगे.
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Raipur News: छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) में सत्ताधारी (Congress) कांग्रेस पार्टी भी अब चुनावी मूड में नजर आ रही है. बस्तर विजय के लिए प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया (PL Punia) और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम (Mohan Markam) 4 दिनों तक बस्तर संभाग के 12 सीटों पर मंथन करेंगे. वर्तमान में ये 12 सीटें कांग्रेस के ही कब्जे में है इसके बावजूद पार्टी को आखिर क्यों बस्तर में मंथन करना पड़ रहा है. चलिए जानते है इसकी इनसाइड स्टोरी
बस्तर विजय के लिए कांग्रेस का मंथन
दरअसल बस्तर मंथन यात्रा 9 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी जो 12 अक्टूबर तक चलेगी. कांग्रेस ने इसके लिए रूपरेखा तैयार कर ली गई है. पुनिया 9 अक्टूबर रविवार को 1.45 बजे दिल्ली से रायपुर आएंगे, उसी दिन वो मोहन मरकाम के साथ दोपहर 3 बजे रायपुर सर्किट हाउस से कांकेर के लिये रवाना हो जाएंगे. कांग्रेस का पहला पड़ाव कांकेर ही रखा गया है और जिले के 3 विधानसभा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करेंगे.
इसलिए होगी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर नजर
बस्तर मंथन में कांग्रेस का फोकस कांग्रेस के कार्यक्रताओं पर होगी. बताया जा रहा है की पुनिया और मोहन बस्तर संभाग के सभी जिलों के कार्यकर्ताओं से सरकार के कामकाज के बारे में चर्चा करेंगे. पार्टी की लेकर कार्यकर्ताओं की कहीं नाराजगी तो नहीं है. अगर है तो किस मामले पर है. इसके अलावा कार्यकर्ताओं को मिशन 2023 के लिए कमर कसने का निर्देश दिया जा सकता है. क्योंकि इससे पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमिटी की बैठक में ये निर्णय लिया जा चुका है कि सरकार की उपलब्धियों को लेकर जनता के पास कार्यकर्ता जाएंगे. इसके लिए अगले 5 महीने तक का समय निर्धारित भी किया गया है.
इन विधानसभाओं पर कांग्रेस की नज़र
अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर,केशकाल,कोंडागांव, नारायणपुर,बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट,दंतेवाडा, बीजापुर और कोंटा विधानसभा पर कांग्रेस का ही कब्जा है. लेकिन इस बार बीजेपी भी बस्तर में जीत के लिए साल भर पहले ही मंथन शिविर कर चुकी है. यानी बस्तर को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने की लड़ाई देखने को मिलेगी. वहीं बस्तर में इस बार कांग्रेस के लिए आदिवासियों का आंदोलन मुसीबत बन सकती है. क्योंकि सिलगेर में आदिवासियों का लंबे समय से आंदोलन चल रहा है.
पूरे 90 विधानसभा की रिपोर्ट होगी तैयार
गौरतलब है की पिछले महीने कांग्रेस पार्टी ने 2018 के चुनाव में हारे 19 विधानसभा सीटों को लेकर मंथन किया था. प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम की मौजूदगी में कांग्रेस के पदाधिकारियों की बैठक ली गई थी. इसमें बिलासपुर और रायपुर संभाग के विधानसभा शामिल थे और अब बस्तर के 12 सीटों के लिए मंथन की तैयारी शुरू हो गई है. यानी कांग्रेस पार्टी अगले कुछ महीनों में प्रदेश के सभी 90 विधानसभा सीटों की रिपोर्ट तैयार करेगी जिसके अनुसार ही आगे की चुनावी रणनीति तैयारी की जाएगी.
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