Chhattisgarh: इंसानियत शर्मसार! पोस्टमॉर्टम के बाद शव देने के लिए मांगे 2000, गांववालों ने इकट्ठे कर दिए 1000 तब भी नहीं दी लाश
Raigarh News: रायगढ़ जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को शव देने के लिए दो हजार रुपये की मांग की गई. वहीं परिजनों ने पैसे न होने की बात कही तो उन्हें देर शाम तक शव नहीं दिया गया.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ (Raigarh) जिला अस्पताल में मृतक के पोस्टमॉर्टम के बाद शव देने के लिए रुपये की मांग किए जाने का मामला सामने आया है. यहां बुधवार (17 जनवरी) को एक पोस्टमॉर्टम के लिए करीब दो हजार रुपये की डिमांड की गई. ऐसे में परिजनों ने पैसा नहीं होने की बात कही, जिसके बाद ग्रामीणों ने एक हजार रुपये दिए, लेकिन हॉस्पिटल वाले इतने में नहीं माने और उनसे 1,600 रुपये ले लिए. हॉस्पिटल ने पैसे लेने के बाद भी देर शाम तक परिजनों को शव नहीं दिया, जिसके बाद परिजनों ने इसकी शिकायत अस्पताल चौकी में की.
जानकारी के अनुसार घरघोड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली 50 वर्षीय धनमति राठिया की जहर खाने से मंगलवार की रात मौत हो गई थी. मेडिकल कॉलेज में मौत होने के बाद अस्पताल चौकी पुलिस ने कागजी कार्रवाई कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया. इधर सुबह से पोस्टमॉर्टम का इंतजार करते हुए परिजन परेशान हो गए तो अस्पताल में तैनात कर्मियों से बात की तो उन्होंने परिजनों से दो हजार रुपये की डिमांड कर दी. ऐसे में परिजन और ग्रामीणों ने पैसा न होने की बात कहते हुए एक हजार रुपये दिए, लेकिन उन्होंने फिर करीब 1600 रुपये लेने के बाद परिजनों को शव सौंपा. वहीं पैसे की मांग से परेशान होकर पीड़ित परिजनों ने देर शाम इसकी शिकायत अस्पताल चौकी में की.
सीएमएचओ ने कही कार्रवाई की बात
दरअसल आए दिन पोस्टमॉर्टम में लेट होने की शिकायत जिला अस्पताल से आती रहती है. बता दें शहर के सारे अस्पतालों से शव पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजे जाते हैं. डॉक्टरों द्वारा छोटी-छोटी समस्या होने पर पोस्टमॉर्टम लिख दिया जा रहा है, जिससे रोजाना डेड बॉडी की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं चौकी पुलिस द्वारा कागजी कार्रवाई करते लेट हुआ तब भी पोस्टमॉर्टम में लेट होता है. इधर कुछ मामलों में कर्मचारियों द्वारा खुद लेट कर दिया जाता है, जिससे विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है. वहीं सीएमएचओ डॉ. आरएन मंडावी ने कहा कि जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए परिजनों से रुपये नहीं लिए जाते हैं. अगर ऐसी शिकायत हुई है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.