Raipur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरबा (korba) जिले में गजराज धमक ने ग्रामीणों को रातजगा के लिए मजबूर कर दिया है. पिछले कुछ दिनों से 25 हाथियों का दल तराईमार गांव (Teraimar Village) के आस पास विचरण रहे हैं. हाथियों की मौजूदगी से कोरबा जिले के पसान इलाके में दहशत का माहौल है. ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम को गांव में तैनात किया गया है और लोगों को घरों में रहने के लिए मुनादी करवाई जा रही है.
25 हाथियों के दल से खौफ में ग्रामीण
दरअसल कोरबा जिले के पसान इलाके में पिछले कुछ दिनों से हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है. शुक्रवार को 25 हाथियों का दल तराईमार गांव जा पहुंचा. इसके चलते ग्रामीण पक्के मकान में शरण लेने और रातभर जागने के लिए मजबूर हो गए हैं. हाथियों के चिंघाड़ने ही ग्रामीणों के रौंगटे खड़े हो जाते हैं. अपने मकान की रक्षा के लिए ग्रामीण मशाल जलाकर रतजगा के लिए मजबूर हो गए हैं.
गांव-गांव कराई जा रही हाथियों से बचने के लिए मुनादी
हाथियों के विचारण से न तो ग्रामीण चैन से सो पा रहे हैं न ही वन विभाग के कर्मचारी. शुक्रवार को ही हाथियों का झुंड पेंड्रा बैकुंठपुर मार्ग पर आ गया था, इसके चलते इस सड़क पर घंटों तक जाम लगा रहा. लोग यात्री बसों में फंसे रहे. वहीं दूसरी तरफ लोगों को नुकसान न हो इसके लिए वन विभाग के कर्मचारी मुनादी करवा रहे थे. रेंजर धर्मेंद्र चौहान ने बताया कि गांव-गांव में मुनादी करवाई जा रही है. लोगों को घर से बाहर निकलने और जंगल की तरफ जाने से रोका जा रहा है. खास कर रात के समय ज्यादा सावधानी बरतनी होगी. हम लोगों ने ग्रामीणों से कहा है हाथियों के नजदीक न जाएं.
पिछले महीने एक युवक की हुई थी मौत
कोरबा जिले में जहां इस वक्त हाथी मौजूद है वह वास्तव में हाथियों का ही कॉरिडोर है. अक्सर इसी मार्ग से हाथियों का झुंड विचरण करता है. पिछले महीने हाथियों की चपेट में आने से एक युवक की मौत भी हुई थी. लिहाजा जब तक हाथी चले नहीं जाते लोगों की जान खतरें में है. वहीं वन विभाग की टीम हाथियों को खदेड़ने के लिए पूरा प्रयास कर रही है.
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