Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ढाई हजार साल पुराने मानव बस्ती की पहचान हुई है. पुरातत्व विभाग के उत्खन में ऐतिहासिक काल के आभूषण, गणेश, और लज्जा देवी की प्रस्तर मूर्ति, सोना, चांदी और तांबे के सिक्के भी मिले हैं. इसको लेकर राज्य में खूब चर्चा हो रही है. पुरातत्व विभाग के अनुसार इसे बड़ी खोज माना जा रहा है.


खुदाई में मिली धरती में दफन बस्ती 


दरअसल रायपुर शहर से 25 किलोमीटर दूर आरंग के रीवा में ढाई हजार साल पुराने मानव बस्ती के अवशेष मिले हैं. जहां संस्कृति और पुरातत्व विभाग द्वारा उत्खन्न किया जा रहा है. इस उत्खनन में जमीन के नीचे दबे बस्ती की पहचान हुई है. इसे शुरूआती रूप में कुम्हारों की बस्ती बताया जा रहा है क्योंकि यहां ढेर सारे मिट्टी के बर्तन मिले हैं.


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गणेश और लज्जा देवी की प्रस्तर मूर्ति मिली


छत्तीसगढ़ संस्कृति और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उत्खन्न से आरंभिक ऐतिहासिक काल के लगभग दो से ढाई हजार साल पुराने मानव बस्ती के अवशेष मिल रहे हैं. साथ ही उस काल के लोगों द्वारा उपयोग किए जा रहे टेराकोटा और धातु निर्मित आभूषण जैसे मनके, चूड़ियां, छल्ले, मृणमूर्तियां, गणेश और लज्जा देवी की प्रस्तर मूर्ति, उत्तरी कृष्ण मार्जित मृत्पात्र सहित, चांदी के आहत सिक्के, कलचुरी राजा रत्नदेव का स्वर्ण सिक्का, टेराकोटा और धातु के मुहर और मुद्राएं आदि मिल रहे हैं. 


भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भेजा गया प्रस्ताव


पुरातत्व विभाग का मानना है कि इस खोज से प्राचीन छत्तीसगढ़ के अल्पज्ञात कालखंड का इतिहास प्रकाश में आने की पूरी संभावना है. वहीं इस वर्ष में पाटन तहसील के तरीघाट और आरंग तहसील रीवा में उत्खन्न के लिए राज्य सरकार द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को प्रस्ताव भेजा गया था. भारतीय पुरातत्व विभाग से अनुमति मिलने के बाद रीवा में बंधवा तालाब किनारे स्थित चंडी मंदिर के पास विस्तृत क्षेत्र में फैले टीले पर उत्खन्न का कार्य जारी है.


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