Chhattisgarh: करंट की चपेट में आए एक हाथी सहित तीन जानवरों की मौत, शिकार के लिए बिछाए थे बिजली के तार
Chhattisgarh News: रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल के अंतर्गत छाल रेंज में करंट की चपेट में आने से मादा हाथी सहित 3 अन्य मवेशियों की मौत हो गई. शिकारियों के द्वारा शिकार के लिए तार बिछाए गए थे.
Raigarh News: रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल के अंतर्गत छाल रेंज में करंट की चपेट में आने से मादा हाथी सहित 3 अन्य मवेशियों की मौत हो गई. सूचना मिलने के बाद वन अमला तत्काल मौके पर पहुंची. बता दें कि, बीते करीब दो सप्ताह के भीतर यह दूसरी मौत है. इससे पहले भी 11 अक्टूबर को करंट की चपेट में आने से हाथी की मौत हो चुकी है. इस संबंध मिली जानकारी के अनुसार धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के छाल रेंज में जंगल में कुछ अज्ञात शिकारियों के द्वारा शिकार के लिए बिछाए गए करंट प्रवाहित विद्युत तार की चपेट में आने से एक मादा हाथी की मौत हो गई. इसके अलावा चरने के लिए छोड़े गए 3 मवेशियों की भी इस तार की चपेट में आने से हो गई.
करंट से अब तक तीन हाथियों की मौत
यह घटना बेहरामार बीट के 548 पीएफ में घटित हुई है. वहीं इस बात की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों द्वारा वन अमले को सूचित किया गया, सूचना मिलते ही पुलिस सहित वन अधिकारियों का दल मौके पर पहुंचा और वस्तुस्थिति का जायजा लेते हुए आगे की कार्रवाई में जुट गई. उक्त मादा हाथी की उम्र करीब 30 वर्ष बताई जा रही है. बता दें कि, सितंबर और अक्टूबर माह में अब तक तीन हाथियों की मौत करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से हो चुकी है. इससे पहले 10 सितंबर को मेंढरमार में तथा 11 अक्टूबर को बायसी व नरकालो के बीच दो हाथियों का शव पाया गया. उक्त दोनों हाथी उस वक्त करंट प्रवाहित तार की चपेट में आकर काल के गाल में समा गए जब वह अपना पेट भरने भोजन की तलाश में निकले हुए थे.
छाल में दो दर्जन हाथियों ने डाला डेरा
जानकारी के अनुसार छाल रेंज में इन दिनों करीब दो दर्जन हाथियों का दल विचरण कर रहा है. इस दल ने कुछ दिनों से यहां डेरा डाला हुआ है. वहीं बताया जा रहा है कि धरमजयगढ में वर्तमान में कुल 74 हाथी विचरण कर रहे हैं. अहम बात यह है कि कई बार कुछ हाथी अपने दल से अलग हो जाते हैं और भोजन की तलाश मे निकल जाते हैं. इसी दौरान वे करंट प्रवाहित तार की चपेट में आ जाते हैं.
9 माह में 11 हाथियों की मौत
वर्ष 2023 में जनवरी से लेकर अब तक करीब 11 हाथियों की मौत हो चुकी है. अधिकांश की मौत करंट की चपेट में आने से हुई है. अहम बात यह है कि हर माह एक हाथी की मौत करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से हो रही है. इसकी दो बड़ी वजह है एक शिकार व दूसरा अवैध हुकिंग कर पंप का संचालन.
करंट से जंगली सुअर की भी मौत
वन परिक्षेत्र रायगढ़ के बंगुरसिया सर्किल के अंतर्गत ग्राम नवागांव क्षेत्र में शिकारियों द्वारा बिछाए गए करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से एक जंगली सुअर की मौत हो गई. सूचना मिलने के बाद वन अमला मौके पर पहुंचा और आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
शिकार के लिए बिछाए करंट से हुई मौत
धरमजयगढ़ वन मंडल डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि बेहरामार बीट के कक्ष क्रमांक 548 पीएफ में एक 30 वर्षीय मादा हाथी का शव बरामद किया गया है. इसकी मौत शिकार के लिए बिछाए गए करंट प्रवाहित तार से हुई है. हाथी के शव के करीब 500 मीटर दूर तीन मवेशियों के शव भी मिले है.
दो दर्जन किसानों की फसल व झोपड़ी को पहुंचाया नुकसान
बंगरसुता गांव में भी एक दर्जन से अधिक हाथियों ने हरिशंकर राठिया, हेतराम, सुरेश कुमार मानिकपुरी, साधुराम, रामायण दास, भुवनेश्वर, श्याम दास, दलबीर, झनकराम, चमार सिंह, बाबूलाल सहित एक दर्जन किसानों की धान की फसल को अपने पैरों तले रौंद कर बर्बाद कर दिया. इसके अलावा खरसिया वनपरिक्षेत्र से लगे हुए जोबी गांव में भी 21 जंगली हाथियों का दल विचरण कर रहा है. बीती रात इन हाथियों ने काफरमार, जोबी एवं कुरू में 10 से अधिक किसानों के धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है. वहीं कुछ झोपड़ी एवं एक सायकल को भी क्षतिग्रस्त किया है. वन विभाग हाथी प्रभावित क्षेत्र में मुनादी कराने के साथ साथ आम जनता को जंगली हाथियों से दूरी बनाये रखने की अपील कर रहा है.
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