Raipur News: छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर की सेंट्रल जेल में हेपेटाइटिस बी व सी का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई सैंपलों की जांच में जेल में 36 संक्रमित पाए गए हैं. वहीं ओपीडी में रक्त जांच से 9 मरीजों की पहचान हुई है. एचआईवी के समान रक्त से फैसले वाला यह संक्रामण एचआईवी की तुलना में तीन सौ गुना अधिक रफ्तार से फैलता है, जिसकी निजी केंद्रों में जांच व दवाइयां काफी महंगी हैं. हेपेटाइटिस बी व सी होने पर जीवन भर दवाइयां खानी पड़ती हैं. शासन की योजना के तहत शासकीय चिकित्सालयों से मरीजों की निःशुल्क दवा मिलती है.


देश में लगातार बढ़ रहे हैं हेपेटाइटिस के मरीज


वायरल हेपेटाइटिस की रोकथाम के लिए वर्ष 2022-23 में किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए आज मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के डीन डॉ. रमनेश मूर्ति ने चिंता जाहिर की. बैठक में बताया गया कि हेपेटाइटिस बी के लिए अप्रैल से अगस्त 2022 तक 11 हजार 334 मरीजों का ब्लड टेस्ट किया गया, जिसमें से 20 मरीजों में हेपेटाइटिस बी के संक्रमण की पुष्टि की गई. वहीं हेपेटाइटिस सी के लिए 9 हजार 87 मरीजों की जांच की गई, जिसमें से 25 मरीजों में हेपेटाइटिस सी से संक्रमित होने की पुष्टि की गई.


गोदना, टैटू, संक्रमित रक्त से होता है फैलाव
हेपेटाइटिस बी व सी का संक्रमण सामान्यतः खून, सिरम के माध्यम से फैलता है. असुरक्षित ब्लड ट्रांसफ्यूजन, असुरक्षित यौन संपर्क, टैटू बनवाने में प्रयुक्त सुई से संक्रमित व्यक्ति से यह सामान्य व्यक्ति में हो सकता है. वायरल हेपेटाइटिस से लीवर प्रभावित होता है, परिणामस्वरूप पीलिया के लक्षण दिखाई देते हैं. इसके संक्रमण होने पर लीवर में कैंसर होने की संभावना रहती है.


मरीजों को उपलब्ध कराई जा रहीं दवा
वायरल हेपेटाइटिस की पुष्टि के लिए सभी जांच व इलाज मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में निःशुल्क उपलब्ध हैं. अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया कि वायरल हेपेटाइटिस बी व सी, सिकलसेल के मरीज, एचआईवी, एमडीआर टीवी के मरीजों के इलाज के लिए औषधि की अनुपलब्धता होने पर मरीजों को दवाइयां स्थानीय स्तर पर खरीदकर निःशुल्क दी जा रही हैं. वर्तमान में वायरल हेपेटाइटिस बी व सी की दवाइयां जांच एवं वैक्सीन चिकित्सा महाविद्यालय में उपलब्ध हैं.


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