Dantewada Naxal Attack: दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर मार्ग में 26 अप्रैल को हुए नक्सली ब्लास्ट में शहीद जवानों के परिजनों से मिलने आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ दंतेवाड़ा पहुंचे. यहां उन्होंने कुछ शहीद जवानों के परिवार वालों से मुलाकात की. उन्होंने आरोप लगाया कि आप के प्रतिनिधि मंडल जब शहीदों के परिवारों से मिलने संबंधित गांवों में पहुंचे तो जिले के एसपी ने शहीदों की पत्नी और उनके परिजनों को अपने ऑफिस बुलवा लिया ताकि प्रतिनिधिमंडल उनसे ना मिल सके. यह पूरी एक साजिश थी जो भूपेश सरकार के इशारे पर आप पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को नहीं मिलने की दिया गया.


मुआवजा राशि के लिए परिजनों को लगवाया जा रहा थाने के चक्कर


आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने ये भी आरोप लगाया कि जो काम खुद प्रशासन को शहीद के परिवार वालों के घर पहुंच कर करनी चाहिए उस काम के लिए शहीद के परिजनों को पुलिस थाने के चक्कर लगाने पड़ रहे है. उन्हें जबरन परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आप पार्टी के प्रतिनिधिमंडल जब शहीद जवानों के गांव पहुंची तो इसकी जानकारी दंतेवाड़ा पुलिस को लग गई थी और उसके बाद शहीद के परिजनों को एसपी कार्यालय बुलाया लिया गया. हालांकि शहीद जयराम पोड़ीयाम की पत्नी और बच्चे से उनकी मुलाकात हुई लेकिन शहीद राजू राम करतम, शहीद जगदीश कवासी, शहीद हरिराम मंडावी और शहीद संतोष तामो के परिजनों से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई, क्योंकि पुलिस प्रशासन ने शहीद जवानों के परिवार वालों को पूछताछ के लिए थाना बुला लिया था.


आप नेता ने कहा कि विडंबना वाली बात यह है कि मुआवजा राशि देने से संबंधित अभी तक कोई भी काम नहीं हो सका है, जिस वजह से अगर प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात होती तो भूपेश सरकार की नाकामियों का खुलासा हो जाता. उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार ने अब तक परिजनों को सम्मान राशि या किसी भी तरह की कोई मदद नहीं की है, और उन्हें बार-बार थाना बुलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुआवजा राशि देने को लेकर पुलिस प्रशासन परिजनों को थाने बुलाकर परेशान कर रहे हैं. अगर प्रशासन चाहता तो शहीदों के घर जाकर भी सारे कागजी काम हो सकते थे लेकिन परिजनों को थाने बुलाकर घंटों तक बैठाया जा रहा है.


नौजवानों को नक्सल केस में फसाने का पुलिस पर आरोप


इसके अलावा उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अरनपुर के आसपास गांवों के नौजवानों को पुलिस पकड़ रही है. उनसे पूछताछ के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है जो कि सरासर गलत है. इसके अलावा आसपास के कई गांव के ग्रामीण युवाओं को जबरन परेशान कर रहे हैं. धमकी के साथ उन्हें थाने में बैठाकर मारपीट किया जा रहा है, जिनमें कुछ पढ़ने लिखने वाले बच्चे भी शामिल हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बस्तर में जैसे ही इस तरह की घटनाएं होती है तो प्रशासन द्वारा निर्दोष लोगों के साथ मारपीट की जाती है और उन्हें नक्सल केस में फसाने की धमकियां दी जाती है. उन्होंने ये भी कहा कि छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार नक्सलवाद को लेकर गंभीर नहीं है, अब तक सरकार ने शांति बहाली के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. शहीद जवानों को केवल मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि दे दी लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि उनके परिजनों का क्या हाल है और वह कैसे रह रहे हैं?


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दिल्ली और पंजाब सरकार की तर्ज पर दी जाए सम्मान राशि 


कोमल हुपेंडी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए शहीदों के परिजनों के साथ पुलिस जिस तरह से व्यवहार कर रही है उस पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है, साथ ही नक्सलवाद से निपटने के लिए सकारात्मक बातचीत करने की अपील की है, इसके अलावा उन्होंने भूपेश सरकार से दिल्ली और पंजाब सरकार की तर्ज पर शहीदों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि और शहीद के परिजनों के हर एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है, इसके अलावा नक्सली ब्लास्ट में मारे गए ड्राइवर के परिवारवालों को भी शहीद के तर्ज पर ही सारी सुविधाएं देने की मांग की है.