Abujhmad News: छत्तीसगढ़ का अबुझमाड़ एक ऐसा इलाका है जो आज भी विकास से काफी अछूता है. हजारों की आबादी वाले इस अबूझमाड़ में न सड़क है. ना बिजली है ना पुल पुलिया. आजादी के 75 साल बाद भी यहां के ग्रामीण आदिकाल की जिंदगी जीने को मजबूर है. दरअसल नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले अबूझमाड़ में नक्सली भय की वजह से यहां प्रशासन के अधिकारी जाने से घबराते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के अबूझमाड़ में लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाए जाने से कुछ इलाको में नक्सली बैकफुट पर आए हैं.
अब इन गांवों तक शासन की योजना का लाभ पहुंचाने के साथ कनेक्टिविटी के लिए भी प्रशासन के द्वारा काम किया जा रहा है. इसी के तहत अबूझमाड़ के सोनपुर और कोहकामेटा गांव दो नए मोबाइल टॉवर की सौगात ग्रामीणों को दी गई है, अब यहां के ग्रामीण भी मोबाइल फोन का लुत्फ उठा सकेंगे.
गांव में लगा मोबाइल टावर
नारायणपुर के एडिशनल एसपी हेमसागर सिदार ने बताया कि अबूझमाड़ इलाके में सीआरपीएफ, डीआरजी एसटीएफ और आईटीबीपी के जवानों के द्वारा लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर अबूझमाड़ के अंदरूनी इलाकों में विकास कार्य और सरकारी कामकाज निर्माण कार्य के लिए जवानों के द्वारा जरूरी सुरक्षा व्यवस्था प्रदान किया जा रहा है. जिसके परिणाम स्वरूप अंदरूनी इलाकों में सड़क, स्वास्थ्य ,शिक्षा और अन्य सुविधाओं का विस्तार हो रहा है. इसी कार्यक्रम में नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र के सोनपुर और कोहकामेटा गांव में मोबाइल के दो नए टावर लगाकर मोबाइल कनेक्टिविटी की शुरुआत की गई है.
मोबाइल टावर लगने से ग्रामीणों को होगा बड़ा फायदा
सोनपुर और कोहकामेटा में मोबाइल टावर लगने से अंदरूनी इलाकों के ग्रामीणों और पुलिस के जवानों को दूरसंचार व्यवस्था और इंटरनेट का लाभ मिल रहा है. जिसके माध्यम से अब लोग सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के साथ देश विदेश की घटना और अन्य गतिविधियों की जानकारी इंटरनेट के माध्यम से ले सकेंगे. साथ ही यहां के युवा भी अब मोबाइल कनेक्टिविटी की शुरुआत होने से स्मार्टफोन चला सकेंगे. वहीं मोबाइल कनेक्टिविटी की सौगात मिलने से ग्रामीणों में काफी खुशी है. जिला प्रशासन के अधिकारियों का भी कहना है कि पुलिस की सुरक्षा मिलने से अब अगले चरण में अबूझमाड़ के अन्य गांव में मोबाइल टावर लगाए जाएंगे.
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