Chhattisgarh: सालों से पुल की राह देख रहे इस इलाके के हजारों ग्रामीण, रोजाना नाव के सहारे आते हैं शहर
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में पिछले चार दशकों से कई गांव नक्सलवाद का दंश झेल रहे हैं. इस वजह से इन इलाकों का अभी तक विकास नहीं हो पाया है.
Chhattisgarh Latest News: छत्तीसगढ़ के कई जिले ऐसे हैं जहां ग्रामीण सालों से विकास का इंतजार कर रहे हैं. अबूझमाड़ इलाके से होकर गुजरने वाली इंद्रावती नदी पर लंबे समय से ग्रामीण पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. यहां 30 से 40 नए पुल का निर्माण किया जाना है. यही हाल बस्तर संभाग के सुकमा ,दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले का है और यहां भी ग्रामीण अपने गांव तक पहुंचे इसके लिए नए पुल के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं. हालांकि कांग्रेस के 4 साल के कार्यकाल में करीब 8 से ज्यादा नए पुल बनाए गए हैं. गांव में विकास हुआ है, लेकिन अभी भी ऐसे कई गांव है जहां पुल का निर्माण नहीं हो सका है.
प्रशासन से कई बार लगाई पुल बनाने की गुहार
दरअसल अबूझमाड़ इलाके से होकर गुजरने वाली इंद्रावती नदी के उस पार ऐसे सैकड़ों गांव हैं जहां हजारों की आबादी में ग्रामीण रहते हैं. इन गांवों तक पहुंचने के लिए सड़क भी नहीं है. बरसात के महीने में तो पूरे ग्रामीण शहरी क्षेत्र से कट जाते हैं और उन्हें आपातकालीन स्थिति में खुद के द्वारा बनाए गए लकड़ी के पुल तो कभी छोटे-छोटे नाव का सहारा लेकर शहर आना पड़ता है.
इस दौरान उफनती नदी को पार करते वक्त न जाने कितने ग्रामीणों की मौत भी हो गई है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन से कई बार गुहार लगाने के बावजूद उनके गांव तक पहुंचने के लिए पुल का निर्माण नहीं किया गया है. लिहाजा ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. अस्पताल पहुंचाने के लिए भी उनको इस नदी को पार करना पड़ता है.
यही नहीं पूल नहीं बनने की वजह से ना ही ग्रामिणों के पास गांव में राशन दुकान है ना ही स्वास्थ्य केंद्र है. ना स्कूल है और ना ही आंगनबाड़ी केंद्र .सरकार की सारी योजनाओं से यहां के ग्रामीण वंचित हैं. ग्रामीण चाहते हैं कि जल्द से जल्द उनके गांव तक शासन प्रशासन की योजनाएं पहुंचे. इसके लिए पुल निर्माण कराया जाए.हालांकि बीते 4 सालों में इंद्रावती नदी पर ही 8 से ज्यादा नए पुल निर्माण किए गए हैं.
इसके अलावा सुकमा जिले में 15 से ज्यादा पुल का निर्माण किया जाना है.वहीं दंतेवाड़ा नारायणपुर और बीजापुर में भी लगभग 20 से 30 नए पुल का निर्माण किया जाना है, कुल मिलाकर बस्तर संभाग में 60 से अधिक पुल बनाए जाने हैं. इसके बाद ही नदी के उस पार रहने वाले ग्रामीणों तक शासन की सारी योजनाओं और ग्रामीणों तक सारी सुख सुविधाए पहुंच सकेंगी.
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का क्या है कहना
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि क्योंकि यह इलाका नक्सल क्षेत्र होने के वजह से इन इलाकों में नक्सली विकास पहुंचने नहीं देते हैं. बावजूद इसके बीते 4 सालों में पुलिस ने नक्सलियों के सारे चुनौती का सामना करते हुए प्रशासन ने 8 से ज्यादा इंद्रावती नदी में बड़े-बड़े पूल बनाए हैं. जिसके बदौलत गांव तक शासन की टीम पहुंच रही है और इस गांव के लोग शहरी क्षेत्रों से जुड़ पा रहे हैं.
हालांकि अभी भी अबूझमाड़ और संभाग के कई इलाकों में पुल बनाए जाने हैं. जिसके लिए नए साल में तेजी से काम किया जाएगा. जिला प्रशासन के साथ पुलिस प्रशासन भी ग्रामीणों तक विकास पहुंचे इसके लिए पूरी तरह से गंभीर है.इसलिए अर्धसैनिक बलों के साथ बकायदा जितने भी नए पूल प्रस्तावित हैं. उसे बनाने का काम शुरू किया जाएगा.
इन इलाकों का नहीं हो पाया है विकास
गौरतलब है कि पिछले चार दशकों से अबूझमाड़ , दंतेवाड़ा, बीजापुर,सुकमा के कई गांव नक्सलवाद का दंश झेल रहे हैं. जिस वजह से इन इलाकों का विकास नहीं हो पाया है. हालांकि इन इलाकों में पुलिया का निर्माण अगर कर लिया जाता है तो निश्चित तौर पर बस्तर के आदिवासियों की स्थिति बदलेगी और उनके गांव तक विकास पहुंचने के साथ ही सारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा. आने वाले साल में किस तरह से योजना बनाकर पुलिस और जिला प्रशासन इन अंदरूनी गांवो तक पुल का निर्माण कर पाती है यह देखने वाली बात होगी.
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