छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित सिद्धिविनायक हॉस्पिटल का जिला प्रशासन ने लाइसेंस रद्द कर दिया है. हॉस्पिटल में इलाज के दौरान डॉक्टर और नर्स की लापरवाही से 10 महीने के बच्चे की मौत हो गई थी. जांच के बाद 4 डॉक्टर समेत 7 लोग इसमें दोषी पाए गए. उनके खिलाफ भिलाई 3 थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है. दरअसल दुर्ग जिले के सिरसा गेट भिलाई 3 स्थित सिद्धिविनायक बच्चों का अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टॉफ द्वारा 10 माह के बच्चे शिवांश वर्मा के स्वास्थ्य उपचार में लापरवाही होने से बच्चे की मृत्यु होना पाया गया है. 11 दिसंबर को नोटिस जारी होने के 30 दिन पूरा होने के बाद संस्था को जारी किए गए लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया. 


जानिए क्या है पूरा मामला


आपको बता दें महेश कुमार वर्मा ने नाती शिवांश को सर्दी खासी से बिमार होने के उपचार के लिए भिलाई- 3 स्थिति सिद्धी विनायक अस्पताल में 27 अक्टूबर 2022 को भर्ती कराया था. बच्चे को डॉक्टर एस.आर प्रसाद द्वारा सांस ज्यादा चलने के चलते भर्ती किया गया था. तबीयत बिगड़ने पर शिवांश आई.सी.यू. रूम में शिफ्ट किया गया. डॉक्टर ने कहा कि दूसरे दिन एक्स रे कराएंगे. एक्स-रे के बाद डॉक्टर ने बताया कि बच्चे के फेफड़े में कफ भरा है. इलाज के कारण बच्चे की तबीयत में सुधार हुआ था, लेकिन 31 अक्टूबर को डॉक्टर की अनुपस्थिति में नर्स द्वारा इनजेक्शन लगाया गया, जिससे शिवांस की मृत्यु हो गई. 




4 डॉक्टर समेत सात लोगों के खिलाफ हुआ है एफआईआर दर्ज


सिध्दी विनायक अस्तपाल बच्चों का अस्पताल है, जो कि सिरसा गेट भिलाई-3 में स्थित है. 10 माह के बच्चे शिवासं वर्मा की इलाज के दौरान मृत्यु होने पर मृतक के दादा महेश वर्मा की शिकायत पर जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों और लिपिक कर्मचारियों का संयुक्त जांच दल गठित कर विभागीय जांच करवाई गई थी.


जांच में सामने आया है कि अस्पताल प्रबंधक के चिकित्सक अधिकारी डॉक्टर संमीत राज प्रसाद,आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी शिशुरोग विशेषज्ञ डॉक्टर दुर्गा सोनी,डॉक्टर हरिराम यद,डॉक्टर गिरीश साहू और पैरामेडिकल स्टाफ कुमारी विभा साहू, आरती साहू, कुमारी निर्मला यादव ने  शिवांश वर्मा के स्वास्थ्य उपचार में लापरवाही बरती जिसकी वजह उसकी मौत हो गई. इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 A के तहत भिलाई-3 थाने में मामला दर्ज किया गया है.


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