Chhattisgarh News: आजादी के 75 साल बाद इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मिली इंटरनेट की सुविधा, पहली बार वीडियो देख झूम उठे ग्रामीण
Narayanpur: आजादी के करीब 75 साल बाद अबूझमाड़ के मालेवाही के ग्रामीणों ने अपने गांव में मोबाइल टॉवर देखा. इतने सालों बाद इंटरनेट की सुविधा से मिलने से ग्रामीणों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है.
Internet facility In Abujmarh: छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ नक्सलवाद की वजह से काफी पिछड़ा हुआ क्षेत्र माना जाता है. अबूझमाड़ में न तो सड़क बनी है, न ही बिजली है और न ही ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं मिल पाती है. विकास से कोसों दूर हजारों की संख्या में आबादी वाले अबूझमाड़ में पिछले कुछ सालों से सरकार एक एक गांव तक विकास पहुंचाने के लिए जद्दोजहद कर रही है.
इसी का नतीजा है कि आजादी के करीब 75 साल बाद अबुझमाड़ के मालेवाही के ग्रामीणों ने पहली बार अपने गांव में मोबाइल टॉवर देखा और टॉवर लगने के साथ ही अब मोबाइल की सुविधा भी इन ग्रामीणों को मिलने लगी है, और यहां के ग्रामीण युवा इंटरनेट से भी जुड़ गए हैं. 75 साल बाद मिली मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा से ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.
नक्सलमुक्त मालेवाही से बदली तस्वीर
दरअसल छत्तीसगढ़ के नारायणपुर- बीजापुर -दंतेवाड़ा जिलों के सरहद पर मौजूद अबूझमाड़ नक्सलियों का गढ़ कहा जाता है. यहां पहुंच पाना बेहद ही मुश्किल था, लेकिन पुलिस द्वारा लगातार इस इलाके में कैंप खोलकर नक्सलियों को खदेड़ने का काम शुरू किया गया और इस गांव तक विकास पहुंचाने के लिए कई जवानों ने भी अपनी शहादत दी, जिसके बाद कैंप स्थापित होने से अब इस अबूझमाड़ तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का काम शुरू किया गया है, जिसके तहत इस गांव में मोबाइल टावर लगाया गया और ग्रामीणों को अब यहां मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा मिल रही है.
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि राज्य शासन से मिले आदेश के बाद बस्तर के अबूझमाड़ से लेकर अंदरूनी गांव में जहां रास्ते नहीं है और जहां मोबाइल का नेटवर्क नहीं है वहां संचार क्रांति के तहत मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं, और कुछ जगहों में मोबाइल नेटवर्क को अपग्रेड करने का भी काम किया जा रहा है, जिससे अबूझमाड़ के ग्रामीण भी इंटरनेट की सुविधा से अछूते ना रह सके.
आजादी के 75 साल बाद ग्रामीणों ने देखा वीडियो
दंतेवाड़ा सीमा से लगे अबूझमाड़ में बसे मालेवाही गांव भी ऐसा ही क्षेत्र है जहां 75 सालों से सड़क बिजली और मोबाइल नेटवर्क नहीं था, जिससे यहां रहने वाले ग्रामीण देश दुनिया की उपलब्धियों डिजिटलीकरण और ऑनलाइन सुविधाओं से वंचित थे, गांव के लोगों को पहले एंबुलेंस बुलाने आपातकालीन स्थिति में कई बार पहाड़ों पर चढ़ना पड़ता था या कई किलोमीटर सफर करना पड़ता था. यहां आजादी के 75 साल बाद ग्रामीणों ने वीडियो देखा. इसे देख ग्रामीण खुशी से झूम उठे.
अब इस गांव में मोबाइल टावर लगाए जाने से उन्हें आसानी से संचार सुविधा मिल रही हैं और यहां के ग्रामीणों में मोबाइल टावर लगने से उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है. मोबाइल टावर लगने से सूचनाओं के आदान-प्रदान अब सरल हो गया है.
दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार का मानना है कि मालेवाही गांव में इंटरनेट की सुविधा मिलने से ग्रामीण के जनजीवन में जागरूकता आएगी आने वाले समय में इन इलाकों के ग्रामीणों को मुख्यधारा से जोड़ने के साथ-साथ उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने का अवसर मिलेगा. इसके अलावा मालेवाही के बाद अब अन्य गांव में भी तेजी से सड़क नेटवर्क और मोबाइल नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा ,कोशिश की जाएगी कि जिस अबूझमाड़ में कभी ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई वह सुविधाएं उन्हें आने वाले नए साल में पहुंचाया जाए.
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