Korba News: विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा होने के साथ आचार संहिता प्रभावशील हो गई है. इन सब के बीच कोरबा जिले में धान खरीदी का काम भी होना है. प्राथमिक तैयारी काफी समय से चल रही है. जानकारी के अनुसार समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय करने के लिए किसानों का पंजीकरण इस महीने के अंतिम तक किया जाएगा. चुनाव आचार संहिता लगने के बाद आशंका व्यक्त की जा रही थी कि निर्धारित तिथि पर इस बार धान खरीदी होगी या नहीं. इस आशंका को दूर करते हुए संबंधित अधिकारी ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया धान खरीदी के लिए बाधा नहीं बनेगी. आचार संहिता लगने से पहले ही राज्य सरकार के द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है. लिहाजा 1 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू हो जाएगी.
निर्वाचन आयोग के द्वारा प्रदेश में दो चरण में चुनाव कराने की घोषणा की गई है. पहले चरण के तहत बस्तर संभाग में 7 नवंबर को वोटिंग होगी. शेष अन्य सभी स्थानों पर 17 नवंबर को दूसरे चरण में मतदान होगा. पिछले वर्ष प्रदेश में 1 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन सभी समितियों के अंतर्गत आने वाले उपार्जन केंद्रों में किया गया था और पूरे तीन महीने इस काम को संपन्न किया गया था. इस दौरान पंजीकृत किसानों के द्वारा अपने खेतों में उत्पादित और राजस्व विभाग के द्वारा सत्यापित धान की मात्रा का विक्रय किया गया. अब जबकि विधानसभा चुनाव से संबंधित तैयारियां तेज हो गई हैं, और उसमें बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों का नियोजन किया जा रहा है, इस लिहाज से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि इस बार धान खरीदी नवंबर में शायद ही शुरू हो सके.
1 नवंबर से धान की खरीदी शुरू
माना जा रहा था कि निर्वाचन संबंधी प्रक्रिया होने के बाद ही धान खरीदी के काम को शुरू किया जा सकेगा. सत्यापन के आधार पर ही त्रिस्तरीय व्यवस्था के अंतर्गत किसानों से धान उपार्जित की जाएगी. इस बीच आचार संहिता शुरू होने से धान खरीदी तिथि को लेकर संशय था कि चुनाव प्रक्रिया के कारण इस बार 1 नवंबर से धान की खरीदी होगी या नहीं. इस पर विराम लगाते हुए जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी एसके जोशी ने बताया कि धान खरीदी निर्धारित पर ही अर्थात 1 नवंबर से शुरु हो जाएगी. इसके लिए चुनाव आचार संहिता की घोषणा होने के पूर्व ही राज्य सरकार के द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है.लिहाजा किसी भी सूरत में यह कार्य प्रभावित नहीं होगा.
पांच नए केंद्र पर लगी मुहर
कोरबा जिले में 49 सहकारी समितियों के अंतर्गत पिछले सीजन तक जिलेभर में कुल 60 उपार्जन केंद्र बनाए गए थे. जहां पहुंचकर किसान अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर बेच रहे थे. इसके अलावा कुछ दूरस्थ वनांचल ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को समीप के ही उपार्जन केंद्र में धान बेचने की सुविधा के मद्देनजर 6 नए उपार्जन केंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था. जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी ने बताया कि 6 में से 5 नए उपार्जन केंद्र पर सरकार की मुहर लग गई है. इसके साथ ही अब जिले में उपार्जन केंद्रों की संख्या बढ़कर 65 हो गई है, जो नए 5 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं उनमें करतला ब्लॉक अंतर्गत ग्राम मदवानी, पाली ब्लॉक अंतर्गत ग्राम बकशाही और चंदवारी नवापारा एवं कोरबा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम कुदमुरा और चिर्रा शामिल है. कोरबा के कुदमुरा और चिरा को उपार्जन केंद्र बनाए जाने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री ने पहल की थी. इसके अलावा कटघोरा अंतर्गत ग्राम मुदाली को भी उपार्जन केंद्र बनाए जाने प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन इसपर स्वीकृति की मोहर नहीं लगी है.
15 नवंबर के बाद कटेगी फसल
भले ही शासन की ओर से धान खरीदी के लिए नवंबर से शुरुआत की जाती है लेकिन उपार्जन केंद्रों में 15 नवंबर के बाद ही किसान अपनी उपज लेकर पहुंचते हैं और फिर विधिवत रूप से तभी धान की खरीदी शुरू होती है. माना जा रहा है कि शायद इसलिए चुनाव प्रक्रिया का टेंशन शासन प्रशासन को नहीं है और इसलिए नवंबर से ही धान खरीदी की शुरुआत करने अधिसूचना जारी की गई है. इस वर्ष वैसे भी प्रदेश सहित जिले में मानसून विलंब से आया था और खरीफ की फसल में विलंब से ही बोयी गई है. वर्तमान में धान की फसल पकी भी नहीं है और उम्मीद जतायी जा रही है कि 15 नवंबर के बाद ही समुचित रूप से धान तैयार होगा और फिर फसल की कटाई शुरू हो पाएगी. इस लिहाज से देखा जाए तो इस बार पूरा नवंबर महीना धान खरीदी के लिहाज से सूना रहेगा और दिसंबर में ही सही रूप से यह प्रक्रिया शुरू हो पाएगी. तब तक चुनाव भी संपन्न हो जाएगा और प्रशासनिक अमला भी दूसरे काम के लिए तैयार रहेगा.
तय समय में होगी धान की खरीदी
जिला सहकारी बैंक नोडल अधिकारी एसके जोशी ने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अपने निर्धारित समय पर ही शुरू हो जाएगी. इसका चुनावी प्रक्रिया से कोई लेना देना नहीं है. राज्य सरकार के द्वारा आचार संहिता घोषित होने के पहले ही धान खरीदी की अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसलिए नवंबर से ही सभी समितियों के द्वारा धान खरीदी की जाएगी. हालांकि भी फसल पकी नही है इसलिए उम्मीद है कि 15 नवंबर के बाद ही केंद्रों में किसान अपना धान लेकर पहुंचेंगे. इसके अलावा इस बार 5 नए केंद्र भी धान खरीदी के लिए तैयार है.
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