Surguja News: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में दल से अलग हुआ हाथी पिछले पांच दिनों से सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के आसपास के क्षेत्रों में ही घूम रहा है. शहर के होकर लालमाटी और चेद्रा तक जाने के बाद वन विभाग के अनुमान के विपरीत यह हाथी फिर से अम्बिकापुर शहर के मां महामाया मंदिर से लगे ग्राम बंधियाचुआं गांव में हाथी ने दो ग्रामीणों का घर तोड़ कर नुकसान पहुंचाया है और खेतों में लगे फसलों को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है. 


गौरतलब है कि सीतापुर से लगभग 15 दिन पहले लुण्ड्रा, सकालो तथा कल्याणपुर तक पहुंचने के बाद हाथी देर रात शहर में प्रवेश कर गया था. हाथी के शहर में आ जाने की सूचना मिलते ही काफी संख्या में लोगों की भीड़ गाड़ाघाट क्षेत्र में एकत्रित रही और दिन में ड्रोन से हाथी की निगरानी की जाती रही.


दो दिनों बाद हाथी लुचकी और लालमाटी क्षेत्र से होते हुए सीतापुर वनपरिक्षेत्र के ग्राम मानपुर पहुंचा था और यहां हाथी के पहुंचने के बाद वन विभाग को उम्मीद थी कि हाथी यहां से वापस सीतापुर की ओर उसी मार्ग से लौट जाएगा, जिधर होकर यहां तक पहुंचा था, लेकिन इस उम्मीद के विपरीत हाथी लुण्ड्रा वनपरिक्षेत्र के ग्राम चेंद्रा रनघाघ नर्सरी पहुंच गया. वन विभाग का मैदानी अमला और हाथी मित्रदल के सदस्य उसे सीतापुर की ओर भेज पाने में असफल रहे और कल रात अचानक हाथी वापस शहर से लगे ग्राम बंधियाचुआं पहुंच गया है.


शहर से पांच किलोमीटर दूर लालमाटी में पहुंचा एक और हाथी


इधर अम्बिकापुर शहर से पांच किलोमीटर दूर अम्बिकापुर-रायगढ़ मार्ग से लगे ग्राम लालमाटी में सीतापुर वनपरिक्षेत्र के ग्राम सलेयाडीह, बांसाझाल में एक हफ्ते तक विचरण करने वाला इकलौता हाथी भी आ धमका है.


इसकी पुष्टि आज सरगुजा वनमंडलाधिकारी (DFO) पंकज कमल ने करते हुए बताया कि बंधियाचुआं और लालमाटी में पहुंचे दोनों हाथियों की निगरानी के लिए वन विभाग के मैदानी अमले के साथ हाथी मित्रदल के सदस्यों की मदद ली जा रही है. उन्होंने बताया कि हाथी विचरण क्षेत्र के आसपास के सभी गांवों में मुनादी करा लोगों को सतर्क रहने और हाथी के नजदीक न जाने की अपील की गई है.


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