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Chhattisgarh: ग्रामीण इलाकों के खेतों में लौटी रौनक, मौसम में बदलाव के बीच धान की बुवाई शुरू
Ambikapur Farmers News: छत्तीसगढ़ के किसान धान रोपण की शुरुआत हो चुकी है, मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच अंबिकापुर में कुछ किसान बीज रोप रहे हैं तो कुछ किसान बीज तैयार करने की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं.
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Chhattisgarh farmers News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मौसम में उतार चढ़ाव बनी हुई है. समय-समय पर बारिश होने से खरीफ फसल की तैयारी में किसान युद्ध स्तर पर जुट गए हैं. मानसून की पहली बारिश के साथ ही नर्सरी करने वाले कुछ किसान धान की रोपाई कर रहे हैं. वहीं अधिकांश किसान धान की नर्सरी के लिए बीज बुआई कर रहे हैं. जिले के मैनपाट, सीतापुर, लुण्ड्रा, बतौली, दरिमा, लखनपुर, उदयपुर के अलावा अम्बिकापुर विकासखण्ड के अधिकांश इलाकों में खेतों में चहल-पहल नजर आ रही है. धान की फसल के आलावा हरी सब्जियों की भी फसल किसान उगा रहे है. बारिश के साथ ही खेतों में हरियाली लौट रही है.
मौसम विभाग का कहना है कि मौजूदा समय में हवा में नमी होने से स्थानीय प्रभाव सक्रिय है. जिसके चलते दोपहर बाद अथवा रात के समय बारिश हो रही है. बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के चलते भी बारिश के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ है. कुछ इलाकों में झमाझम बारिश होने की संभावना जताई जा रही है.
रात में हुई झमाझम बारिश
अम्बिकापुर शहर सहित अधिकांश इलाकों में शनिवार (8 जुलाई) की रात झमाझम बारिश हुई. जिससे शहर के निचले और समस्याग्रस्त पुराने इलाकों में फिर से जलभराव की स्थिति निर्मित हुई. बौरीपारा महादेव गली में नाला समान पानी बहा और कई घरों में पानी घुसने से लोग देर रात तक बर्तन से पानी बाहर फेंकने मशक्कत करते रहे. फर्श में रखे अनाज खराब हो गए. घर में पानी घुसने के चलते लोगों को नुकसान भी उठाना पड़ा. पीजी कॉलेज के सामने अम्बेडकर चौक, सत्तीपारा प्राथमिक शाला के पीछे सहित अन्य इलाकों में भी जलभराव के चलते सड़क तालाब समान नजर आई.
खाद के लिए अभी भी मशक्कत कर रहे हैं किसान
खरीफ फसल के सीजन में किसानों को खाद के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है. सहकारी समितियों में बड़े किसानों को तो यूरिया खाद और बीज केसीसी के माध्यम से ऋण में खाद उपलब्ध हो जा रहा है. मगर अधिकांश छोटे किसानों को निजी दुकानों में किल्लत बताए जाने से खाली हाथ वापस लौटना पड़ रहा है. शहर के निजी दुकानों में किल्लत की स्थिति निर्मित की जा रही है. किसानों का आरोप है कि कालाबाजारी के चलते ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है.
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