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Ukraine Russia War: यूक्रेन में फंसे छात्रों की वापसी को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता का बेतुका बयान, कही ये बात
Ukraine Russia War: सामाजिक कार्यकर्ता और नंगे पांव सत्याग्रह के संयोजक राजेश सिंह सिसोदिया ने कहा कि, विदेश भेजने के लिए सरकार से अनुमति नहीं ली गई है. इन लोगों ने सरकारों को धोखे में रखा.
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Ukraine Russia War: छत्तीसगढ़ के एक चर्चित समाजसेवी और नंगे पांव सत्याग्रह करने वाले राजेश सिंह सिसोदिया ने यूक्रेन मामले में अब तक कि सबसे अलग प्रतिक्रिया देकर सरकारों का बचाव किया है. उन्होंने यूक्रेन में फंसे बच्चों के मामले में अभिवावकों को जिम्मेदार ठहराया है और राज्य सरकार (State Government)और केन्द्र सरकार (Central Government) पर लग रहे आरोपों को निराधार बताया है. अम्बिकापुर (ambikapur) के सामाजिक कार्यकर्ता और नंगे पांव सत्याग्रह के संयोजक राजेश सिंह सिसोदिया ने यूक्रेन और अन्य देशों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की सुरक्षा पर अभिवावकों द्वारा सरकारों को दोषी ठहराए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है और इस गंभीर मसले के लिए अभिवावकों को दोषी ठहराया है.
क्या वजह बताए
राजेश के मुताबिक कई अभिवावक जो शासकीय सेवा में हैं, उन्होंने अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए (सरकार जो उनका नियोक्ता है) से कोई अनुमति नहीं ली है. ऐसा करके इन लोगों ने ना केवल सरकारों को धोखे में रखा है बल्कि अपने बच्चों को भी धोखे में रखकर विदेशों में भेजा है. इतना ही नहीं उन्होंने सवाल किया है कि जब सरकारों (केंद्र व राज्य सरकार) के पास ऐसे छात्रों का कोई अभिलेख ही नहीं है, तो सरकारों पर उनकी जिम्मेदारी कैसी?
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अभिभावकों पर मामले दर्ज करने की मांग
यूक्रेन में मृत छात्र नवीन के बारे में उन्होंने कहा कि सामाजिक संवाद माध्यमों में ऐसे दर्शाया जा रहा है कि वो देश की खातिर शहीद हो गया है और सरकारों ने कुछ नहीं किया. ऐसे प्रचार भ्रामक, मिथ्या, तथ्यहीन और शरारतपूर्ण हैं. ऐसे प्रचारों में सरकारों के ऊपर दोषारोपण देशद्रोह की श्रेणी में आता है. उन्होंने नंगे पांव सत्याग्रह द्वारा सरकारों से अभिवावकों द्वारा ली गई अनुमति की जांच और वैधानिक अनुमति तथा आर्थिक सक्षमता नहीं होने पर अभिवावकों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज करने की मांग भी की है.
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