Chhattisgarh: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर नफरत को चुनौती दे रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में  अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) भी राज्य में बीजेपी और कांग्रेस को सत्ता की लड़ाई में चुनौती देने जा रही है. एक महीने के भीतर जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष 300 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे. अमित जोगी ने बिलासपुर में इसका एलान कर दिया है.


राहुल गांधी के रास्ते में चलेंगे अमित जोगी


दरअसल 2023 के विधानसभा चुनाव में लगभग 350 दिन बाकी है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)  इसी महीने नवंबर से अपनी चुनावी तैयारी का आगाज करने जा रही है. बिलासपुर में अमित जोगी ने इसकी घोषणा की. करते हुए उन्होंने कहा कि मैं घोषणा करता हूं कि पूरे छत्तीसगढ़ में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)  जोगी जन अधिकार पदयात्रा आयोजित करने जा रही है. मैं स्वयं इस यात्रा का नेतृत्व करूंगा और छत्तीसगढ़ के हर वर्ग और हर जाति के लोगों तक अपने विजन को पहुंचाऊंगा.


पहले चरण में 300 किलोमीटर की पदयात्रा


पार्टी ने इस पदयात्रा को जोगी जन अधिकार पदयात्रा का नाम दिया है. इसकी जानकारी देते हुए अमित जोगी ने बताया कि पहले चरण में 'जोगी जन अधिकार पदयात्रा' 300 किलोमीटर की होगी. ये राज्य के 6 विधानसभाओं - मस्तूरी, अकलतरा, पामगढ़, जैजैपुर, चंद्रपुर और  बिलाईगढ़ से जाएगी. 18 दिसंबर को  बाबा गुरु घासीदास की 266 वीं जयंती के दिन गिरौदपुरी में पदयात्रा के पहले चरण का समापन होगा.


इन 5 मांगों के साथ पूरे प्रदेश में पदयात्रा होगी


इस पदयात्रा अभियान में जोगी कांग्रेस ने राज्य की कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए 5 बड़ी मांगे शामिल की हैं. पहला किसानों को धान का समर्थन मूल्य 3200 रुपए करना, दूसरा बेरोजगारों युवाओं के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से बीते 48 महीनों के हिसाब से हर युवा के खाते में 1 लाख 20 हजार रुपए डालने की मांग, तीसरा पीएम आवास योजना के लाभार्थियों के खाते में तत्काल 5 लाख रुपए डालना. चौथा एससी को 16% और एसटी को 32% आरक्षण, इसके अलावा मैदानी इलाके में तत्काल शराबबंदी की करने की मांग  शामिल है.


जोगी कांग्रेस का राजनीतिक समीकरण


गौरतलब है कि मिशन 2023 में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी जुट गई है.. इसके अलावा आम आदमी पार्टी भी मैदान में है. अब जोगी कांग्रेस भी चुनावी अभियान में जुट गई है. पार्टी की राजनीतिक समीकरण की बात करें तो 2018 विधानसभा चुनाव में 5 सीट जीती थी. अब केवल 2 विधायक ही पार्टी में बचे हैं. दो विधायकों का निधन हो गया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता धरमजीत सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया है. इस लिहाजा पार्टी चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने की कोशिश में है.


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