छत्तीसगढ़ में रिश्वतखोरी के खिलाफ ACB का कड़ा प्रहार, दो अधिकारियों को रंगे हाथ किया गिरफ्तार
Chhattisgarh News: मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और सरगुजा जिलों में एसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. एसीबी की कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया.
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ( Anti Corruption Bureau) ने शुक्रवार को रिश्वतखोरी पर कड़ा प्रहार किया है. राज्य के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) और सरगुजा (Surguja) जिलों में बड़ी कार्रवाई की गयी.
एसीबी की टीम ने रिश्वत लेते दो अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों में लेखापाल सत्येंद्र सिन्हा और ग्राम राजस्व अधिकारी वीरेंद्र पांडेय शामिल हैं. सत्येंद्र सिन्हा मनेंद्रगढ़ जनपद पंचायत के कार्यालय में लेखापाल पद पर तैनात हैं.
एसीबी की गिरफ्त में आये वीरेंद्र पांडेय सरगुजा जिले के भिट्टीकला गांव का राजस्व अधिकारी है. अधिकारियों ने बताया कि डीएमएफ फंड के तहत लालपुर ग्राम पंचायत में लगाई गई स्ट्रीट लाइट का 2.88 लाख रुपये बिल लंबित था. बिल की मंजूरी के लिए सरपंच से 19,000 रुपये की मांग की गयी थी. सरपंच ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत एसीबी से की. सत्यापन में शिकायतकर्ता के आरोप सही पाये गये. घात में लगी एसीबी की टीम ने लेखापाल सत्येंद्र सिन्हा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया.
भ्रष्ट अधिकारियों की नहीं है खैर!
अधिकारियों ने बताया कि राजस्व अधिकारी वीरेंद्र पांडेय ने भी पांच हजार रुपये मांगे थे. शिकायतकर्ता का कहना था कि पिता का देहांत हो चुका है. भिट्टीकला गांव में परिवार की पैतृक संपत्ति है. पैतृक संपत्ति को मां और चार भाइयों के नाम पर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने की जरुरत आ पड़ी. पीड़ित ने ग्राम राजस्व अधिकारी से संपर्क किया.
एसीबी ने दो को किया गिरफ्तार
उसने पैतृक संपत्ति को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने के एवज पांच हजार रकम की मांग की. शिकायतकर्ता ने एसीबी के संज्ञान में मामले को लाया. एसीबी की टीम ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ग्राम राजस्व अधिकारी वीरेंद्र पांडेय को धर दबोचा. अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
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