Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा के दूसरे चरण का चुनाव 17 नवंबर को है. ऐसे में चुनावी शोर गुल 15 नवंबर की शाम को थम जाएगा. इसके बाद पर्ची के बहाने प्रत्याशी और कार्यकर्ता घर-घर पहुंचेंगे. क्योंकि मतदान के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद हो जाता है. हालांकि, चुनाव प्रचार के लिए बिना शोर डोर टू डोर संपर्क किया जाता है. बीते महीने भर से चल रहे चुनावी शोर बुधवार को देर शाम थम जाएगा. इस दौर में दोनों शीर्ष पार्टियों के अलावा अन्य पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशियों ने जमकर प्रचार किया है. कई तरह के स्लोगन के साथ मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की गई. हालांकि. किस नारे और किस स्लोगन का प्रभाव मतदाताओं पर पड़ा.
यह तो परिणाम के बाद ही पता चल सकता है. दोनों शीर्ष पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी ने घोषणा पत्र को आधार बनाकर मतदाताओं के दिलों तक पहुंचने का कोशिश किया है. इसके अलावा अन्य हथकंडे भी अपनाए जा रहे हैं. कुल मिलाकर चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों के नेता वो हर पैंतरा आजमा रहे हैं, जिससे मतदाताओं को रिझाया जा सके. रायगढ़ जिले के चारों विधानसभाओं में 1085 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और यहां 8 लाख 42 हजार अधिक मतदाता हैं. इन मतदाताओं तक पहुंचने के लिए हर संभव कोशिश तो किया गया है लेकिन कई ऐसे भी गांव हैं, जहां तक कई प्रत्याशी नहीं पहुंच सके हैं. हालांकि, वहां अपने कार्यकर्ताओं के तरफ से मतदाताओं को रिझाने का प्रयास जरूर किया है. बताया जा रहा है कि प्रचार वाहनों में लगे गानों का भी लोग आनंद उठा रहे हैं.
मतदाताओं को रिझाने के लिए रणनीति तैयार
मतदाताओं को बांटने के लिए मतदाता पर्ची तैयार हो गया है. इसका वितरण दो दिनों में किया जाएगा. इसके लिए बनाए गए प्रभारियों की ओर से कुछ कार्यकर्ताओं को तैनात किया गया है, जो पर्ची बांटने का काम कर रहे हैं. हालांकि, प्रचार थमने के बाद खुद प्रत्याशी भी इस काम को करते हैं. रायगढ़ विधानसभा में नगर निगम एरिया में 113 मतदान केंद्र हैं. यहां एक लाख 17 हजार के आसपास मतदाता हैं. इन मतदाताओं तक पहुंचने के लिए प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं ने पूरी कोशिश की है लेकिन,जहां नहीं पहुंच सके वहां पार्षदों की रणनीति काम आ रही है. नगर निगम में जो पार्षद हैं, उनकी पहुंच सीधे मतदाताओं के घरों तक होती है. ऐसे में पार्षदों ने भी उनको रिझाने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है. आखिरी की दो रात में ही पूरी खेल होती है. इसके लिए कुछ विशेष रणनीतिकारों की मदद भी ली जा रही है. बताया जा रहा है कि कुछ तो इसके विशेषज्ञ जैसे ही होते हैं.