Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीगसगढ़ विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में चुनाव को लेकर चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही प्रत्याशी और जनता के लिए ऐसे कड़े नियम और कायदे लागू हो जाते हैं, जिन्हें जनता जानती भी नहीं है. चुनाव के दौरान प्रत्याशी की अनुमति के बगैर घर में झंडा लगाया गया तो मकान मालिक के खिलाफ एफआईआर का प्रावधान है. इसके साथ ही बिना अनुमति के किसी के घर में झंडा लगाने पर सीधे प्रत्याशी के खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है. इसके अलावा भी कई प्रावधान ऐसे हैं जिनका पालन नहीं करने पर आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज हो सकता है.
जानकारी के अनुसार रोड शो के दौरान एक वाहन में एक झण्डा लगाने की ही अनुमति दी गई है. इसके साथ ही झंडे का आकार भी 3 बाय 2 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए, वहीं बाइक में भी एक झण्डा लगाने की अनुमति दी गई है और उसका आकार 2 बाय 1 से बड़ा नहीं होना चाहिए. इसी प्रकार रैली और प्रचार के दौरान बैनर 6 बाय 4 से बड़ा नहीं होना चाहिए. पार्टी कार्यालय में तीन झंडे लगाने की अनुमति दी गई है, झंडे बैनर से कार्यालय को नहीं पाटना है. इस नियम का उल्लंघन करने पर पुलिस धारा 188 के तहत कार्रवाई कर सकती है.
बिना अनुमति नहीं लगा सकते झंडा
यदि प्रत्याशी की अनुमति के बगैर कोई व्यक्ति झंडा लगाता है और प्रत्याशी की ओर से इसकी शिकायत की जाती है तो मकान के खिलाफ धारा 171 (एच) के तहत अपराध दर्ज हो सकता है. बिना अनुमति किसी व्यक्ति के घर पर झंडा लगा दिया जाए तो मामला दर्ज हो सकता है. चुनाव में आमतौर पर वोट के लिए प्रत्याशी और कार्यकर्ता लोगों से कसम खिलाने के साथ धार्मिक रूप से वास्ता देकर वोट अपने पक्ष में डालने के लिए बाध्य करते हैं तो ऐसा करने पर शिकायतकर्ता की शिकायत पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ धारा 171 (सी) के तहत मामला दर्ज हो सकता है.
बिना अनुमति झंडा लगाने पर होगी कार्रवाई
चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कई धाराओं के तहत पुलिस को अपराध दर्ज करने की छूट मिलती है. किसी व्यक्ति के घर पर द्वेषवश लगाए गए झंडे की शिकायत करने से पहले उसे निकाल फेंकना ही एकमात्र बचाव का उपाय है. झंडा निकालने के समय मकान मालिक को रोकने वालो के खिलाफ शिकायत पर अपराध दर्ज हो सकता है. बिना अनुमति झण्डा लगाने वाले के खिलाफ भी अपराध दर्ज करा सकता है.