Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बस्तर (Bastar) संभाग की 12 विधानसभा सीटों पर सात नंवबर को प्रथम चरण का मतदान होना है. इसके लिए चुनाव आयोग (Election Commission) ने तैयारी पूरी कर ली है. नक्सली दहशत के बीच शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए सात पैरामिलिट्री फोर्सेस को बस्तर पहुंचा दिया गया है. जिसमें सीआरपीएफ (CRPF),बीएसएफ (BSF), एसएसबी (SSB), आइटीबीपी (ITBP), सीआईएसएफ (CISF), पंजाब सेप फोर्स और रिजर्व पुलिस फोर्स के जवान शामिल हैं.
हालांकि सुरक्षागत कारणों से बस्तर पहुंचे कुल जवानों की संख्या नहीं बताई जा रही है, लेकिन यह जरूर बताया जा रहा है कि साल 2018 विधानसभा चुनाव के मुकाबले 2023 में अतिरिक्त फोर्स बस्तर में भेजी गई है. जवानों के साथ-साथ इस बार मतदान के दौरान ड्रोन भी नक्सलियों के लोकेशन ट्रेस करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. बताया जा रहा है कि नक्सलियों की उपस्थिति और हलचल का पता लगाने के लिए पांच जिलों में ड्रोन का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाएगा.
इन जिलों में ड्रोन का ट्रायल शुरु
जानकारी के मुताबिक अति नक्सल प्रभावित जिला माने जाने वाले दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, कांकेर और नारायणपुर में इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है. दरअसल बस्तर संभाग में नक्सली लोकतंत्र के इस महापर्व का हमेशा बहिष्कार करते हुए आए हैं. वो मतदान से पहले अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए वारदातों को भी अंजाम देते आए हैं. इस बार भी सात नवंबर को होने वाले मतदान के पहले नक्सली जमकर उत्पात मचा रहे हैं. कांकेर जिले के पखांजूर एरिया में तीन ग्रामीणों की हत्या करने के बाद शुक्रवार सुबह नक्सलियों ने सुकमा जिले में तीन वाहनों में आगजनी की.
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का है ये दावा
यही नहीं नक्सली जगह-जगह चुनाव बहिष्कार के पर्चे फेंककर और बैनर लगाकर लोगों में दहशत फैलाने का भी काम कर रहे हैं. हालांकि बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का दावा है कि नक्सलियों के नापाक मंसूबों को कभी कामयाब होने नहीं दिया जाएगा और इस बार बुलेट पर जरूर बैलेट भारी पड़ेगा. इसके लिए बस्तर पुलिस और चुनाव आयोग पूरी तरह से तटस्थ है. आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के अलावा चुनाव आयोग से अतिरिक्त फोर्स की मांग की गई थी. अब लगभग सभी पैरामिलिट्री फोर्स के जवान बस्तर पहुंच चुके हैं और सभी की अलग-अलग जिलों में तैनाती की जा रही है.
फोर्स के अधिकारियों को दी जा रही जानकारी
आईजी ने बताया कि फोर्स के अधिकारियों को क्षेत्र की भौगोलिक के साथ-साथ वर्तमान स्थिति और नक्सलियों की रणनीति के साथ-साथ महत्वपूर्ण तथ्यों पर जानकारी दी जा रही है. उन्हें यह भी समझाया जा रहा है कि जब फोर्स पोलिंग बूथ के लिए रवाना होगी, तब सबसे पहले वह पूरे क्षेत्र को खतरा मुक्त करते हुए एरिया क्लियर कर आगे बढ़ेगी. आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि एरिया क्लियर करने से आशा यह है कि अक्सर नक्सली पोलिंग बूथ तक पहुंचने वाले रास्तों पर बारूदी सुरंग और आईईडी लगाते हैं, ऐसे बूथ तक पहुंचने से पहले इन बमो को क्लियर करना है.
सुरक्षा बलों की सक्रियता जा रही बढ़ाई
आईजी ने बताया कि मतदान केंद्र से लौटने के दौरान भी इसी फार्मूले का उपयोग करने के स्पष्ट और सख्त निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कहा गया है कि आने-जाने में कोई जल्दबाजी नहीं करनी है. इसके अलावा अन्य सभी सावधानियां रखने की भी सलाह और समझाइश बाहर से आए फोर्स के अधिकारियों को दी गई है. बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने यह भी बताया कि बस्तर में विधानसभा चुनाव की तारीख पास आ रही है. इसे देखते हुए सुरक्षा बलों की सक्रियता नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से बढ़ाई जा रही है. सुरक्षा बलों के जवानों को उन स्थानों पर लगाया जा रहा है, जहां नक्सली मतदान में बाधा डाल सकते हैं.
ट्रैकर का भी होगा इस्तेमाल
आईजी ने बताया कि उन स्थानों को चिन्हित कर सुरक्षा बलों की तैनाती और चुनाव संपन्न करवाने के लिए उनके द्वारा लगातार अपनी उपस्थिति ग्रामीणों को दर्शायी जा रही है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के तहत ट्रैकर का भी उपयोग किया जा रहा है. बस्तर संभाग के सात जिलों में अब तक सुरक्षा बलों की कंपनियां भारी पैमाने पर तैनात हो चुकी हैं. बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने सुंदरराज पी ने बताया कि यहां तैनात बलों के अलावा और अधिक कंपनियों की मांग की गई थी. उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले सुरक्षा बलों को आवश्यक दिशा निर्देश देने के बाद अंदरूनी क्षेत्र में तैनात भी किया जा रहा है.
वहीं उन्होंने बताया कि मतदान के दो दिन पहले से ही कोर इलाके में जवान ड्रोन से नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे. सभी अंदरूनी इलाकों में फोर्स ड्रोन का इस्तेमाल करेगी. आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि इसके अलावा मतदान के दौरान आईएएफ के MI-17 हेलिकॉप्टर भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. चुनाव आयोग और बस्तर पुलिस की पूरी कोशिश है कि बस्तर संभाग के सभी 12 विधानसभा सीटों पर शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराया जाए.