Chhattisgarh election 2023: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण का नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है. पूरे प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी ने 90 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. लेकिन रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट अकेली ऐसी सीट है जहां सबसे ज्यादा निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है. इसमें खास बात ये है कि ज्यादातर निर्दलीय प्रत्याशी मुस्लिम हैं. आखिर पूरे प्रदेश में रायपुर दक्षिण में ही क्यों सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे है. ये आज समझने की कोशिश करते है.
रायपुर दक्षिण में सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशियों ने किया नामांकन
दरअसल 30 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक 47 नामांकन रायपुर दक्षिण से भरे गए हैं. इसमें बीजेपी से बृजमोहन अग्रवाल, कांग्रेस से महंत राम सुंदर दास, आम आदमी पार्टी से विजय कुमार झा, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जे से प्रदीप साहू , जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी से मनीष कुमार ठाकुर, बहुजन समाज पार्टी से मोनिका बहन शामिल हैं. इसके अलावा रायपुर दक्षिण से 24 लोगों ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है. इसमें 13 प्रत्याशी मुस्लिम समाज से हैं. इस लिए रायपुर दक्षिण की फाइट सबसे खास हो गई है.
बीजेपी से बृजमोहन अग्रवाल 7 बार से चुनाव जीत रहे
आपको बता दें कि रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट आमने सामने का मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है. सिटिंग एमएलए बृजमोहन अग्रवाल हैं. जो पिछले 33 साल से चुनाव जीत रहे हैं. कांग्रेस पार्टी बृजमोहन अग्रवाल की रणनीति के सामने पिछले 7 चुनाव में फेल हो चुकी है. अब दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाकर हिंदू कार्ड खेला है. रायपुर दक्षिण की चुनावी हवा टक्कर की है, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशियों का रोल रायपुर दक्षिण में अहम होता है क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी के बीच हार जीत के अंतर की खाई निर्दलीय प्रत्याशी बनाते है.
2018 में रायपुर दक्षिण से 23 मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव लड़े थे
बृजमोहन अग्रवाल को 77 हजार 589 वोट मिले थे. कांग्रेस के प्रत्याशी कन्हैया अग्रवाल को 60 हजार 93 वोट मिले, यानी हार-जीत का अंतर 17 हजार वोट है. इसके अलावा निर्दलीय और बाकी पार्टी के प्रत्याशियों को 8 से 9 हजार के आस पास वोट मिले थे. पिछले बार 23 मुस्लिम प्रत्याशियों को 3 हजार के आस-पास वोट मिले थे और 5 हजार से अधिक वोट कांग्रेस-बीजेपी के अलावा अन्य पार्टियों के प्रत्याशियों को मिले थे. यानी ये प्रत्याशी वोट काटते हैं, जिससे हार जीत के बीच खाई बड़ी हो जाती है.
रायपुर दक्षिण में डमी कैंडिडेट करते हैं खेला
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के समीकरण को लेकर वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र वर्मा ने बताया कि रायपुर दक्षिण ऐसी सीट है जहां हर बार दर्जन भर से ज्यादा प्रत्याशी मैदान में होते हैं. लेकिन टक्कर केवल कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही है. हालांकि डमी कैंडिडेट का खेल भी रायपुर दक्षिण विधानसभा में देखने को मिलता है. खास बात ये है कि यहां बृजमोहन अग्रवाल पार्टी नहीं नेतृत्व के दम पर चुनाव जीत जाते हैं. रायपुर दक्षिण में मुस्लिम समाज के वोटर ज्यादा हैं, लेकिन मुस्लिम समाज का वोट बिना पार्टी के प्रत्याशियों में बंट जाता है.