Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव(Chhattisgarh assembly election) को कुछ महीने ही बचे है. ऐसे में सभी पार्टी प्रचार करने में लगी हुई है साथ ही सभी दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहें है. सभी राजनीतिक पार्टियों ने संगठनात्मक रूप से रणनीति लगभग बना ली है. अब तूफानी कैंपेन की शुरुआत हो रही है. इससे पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संगठन में बड़े बदलाव हुए है. 6 पदाधिकारियों को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. इसको लेकर बीजेपी (BJP) ने कांग्रेस पर तंज कसा है. इसे बीजेपी नेता ओपी चौधरी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पंख कुतरना बताया है.
दरअसल बुधवार(21 जून) को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ मोहन मरकाम ने संगठन में कई पदाधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए संगठन में बदलाव किया है. इसके अनुसार प्रभारी महामंत्री प्रशासन और संगठन की जिम्मेदारी अरूण सिसोदिया को दिया गया है. इसके साथ महामंत्री रवि घोष बस्तर संभाग प्रभारी, महामंत्री अमरजीत चावला रायपुर शहर, युथ कांग्रेस और एनएसयूआई के प्रभारी बनाए गए है. उपाध्यक्ष प्रतिमा चंद्राकर राजनांदगांव प्रभारी, महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला मोहला मानपुर प्रभारी और महामंत्री यशर्वधन राव को प्रशिक्षण प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है.
BJP ने कहा CM भूपेश बघेल का पंख कुतर दिया गया
कांग्रेस पार्टी में चुनाव से पहले संगठन में बड़े बदलाव के बाद बीजेपी ने कांग्रेस के अंदरखाने की राजनीति पर सवाल उठाया है. बीजेपी प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने इस बदलाव को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पंख कुतर दिया जाना करार देते हुए कहा कि जिन महामंत्री अमरजीत चावला की शिकायत भूपेश बघेल ने कांग्रेस अधिवेशन के पूर्व एआईसीसी से की थी, उनको राजधानी रायपुर की जिम्मेदारी दी गई है. चावला के पास यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई (NSUI)और सदस्यता का प्रभार भी रहेगा. वह अब और भी मजबूत होकर, साथ ही राजधानी के प्रभारी बनकर सीएम भूपेश बघेल की छाती पर मूंग दलने तैनात हो गए हैं. या कांग्रेस की संस्कृति के अनुसार कलेजे पर लोटने के लिए तैयार कर दिए गए हैं.
पीसीसी चीफ ने अपने सहूलियत के हिसाब से प्रभार दिया है
बीजेपी के तंज पर कांग्रेस प्रवक्ता अजय साहू ने पलटवार किया है. अजय साहू ने कहा कि बीजेपी नें चार साल में चार अध्यक्ष बदल चुके है. तो बीजेपी को चुटकी नहीं लेना चाहिए. बीजेपी की राजनीति क्षमता कितनी है? कांग्रेस में अध्यक्ष को बदला नहीं गया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) चीफ ने अपने सहूलियत के हिसाब से महामत्रियों को प्रभार दिया है. चुनाव महज 4 महीने बचे है इस लिए संगठन को चलाने के लिए कार्यों का विभाजन हुआ है. इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम लेने जैसी बात नहीं है. मुझे लगता है बीजेपी के पास कोई मुद्दे नहीं है इस लिए बीजेपी ऐसा बयान देकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है.
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