Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में 20 विधानसभा सीटों में मतदान संपन्न हो चुका है. खासकर नक्सल प्रभावित बस्तर (Bastar) संभाग की 12 विधानसभा सीटों पर हजारों जवानों की सुरक्षा के  साये के बीच चुनाव संपन्न कराया गया है. मतदान के दिन नक्सलियों ने बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा (Dantewada), कांकेर (Kanker), सुकमा (Sukma) , बीजापुर (Bijapur) और नारायणपुर (Narayanpur) में जमकर उत्पात मचाया. मतदान को प्रभावित करने के लिए आईईडी ब्लास्ट करने के साथ नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग भी की.


दुर्भाग्यवश  सुकमा और बीजापुर में हुए अलग-अलग नक्सली वारदातों  में सीआरपीएफ बटालियन के कोबरा के छह जवान घायल हो गए. वहीं कांकेर इलाके में नक्सलियों की गोली से खेत में काम कर रहा एक किसान भी बुरी तरह से घायल हो गया. मतदान जरूर संपन्न हो चुका है, लेकिन अभी भी मतदान दलों को वापस लाना बस्तर पुलिस के लिए काफी बड़ी चुनौती बनी हुई है. दरअसल, जिन इलाकों में पहली बार मतदान हुआ है, उन इलाकों के मतदान दल अभी वापस नहीं लौटे हैं.


बस्तर संभाग घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मतदान संपन्न कराने के बाद इन्हें पोलिंग बूथ के पास बने पुलिस कैंप में ही सुरक्षित रखा गया है. हालांकि कुछ इलाकों में हेलीकॉप्टर की मदद से मतदान दलों को  वापस लाने का सिलसिला जारी है, लेकिन जिन मतदान दलों को सड़क मार्ग से मुख्यालय तक लाना है, उनके लिए पुलिस सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने में लगी हुई है. साथ ही लगातार जवानों की सुरक्षा के बीच कुछ पोलिंग पार्टीज को मुख्यालय पहुंचाया गया है,  लेकिन अभी भी अंदरूनी इलाकों में मौजूद पोलिंग पार्टीज को और  ईवीएम मशीन को वापस लाना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. बता दें बस्तर संभाग घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है.


कई पोलिंग पार्टीज अभी वापस नहीं लौटीं
ऐसे में चुनाव आयोग को यहां शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न कराना काफी चुनौती पूर्ण होता है. हालांकि नक्सलियों के वारदात के बीच मतदान संपन्न हो चुका है, लेकिन इस मतदान में सीआरपीएफ के जवानों को नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई में कई नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया है. भले ही यहां मतदान संपन्न हो चुका है, लेकिन अभी भी घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में बने मतदान केंद्रों में चुनाव कराने गई कई पोलिंग पार्टीज वापस नहीं लौटी हैं. वहीं बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया  कि बस्तर में  नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान और चुनाव आयोग से भेजी गई अतिरिक्त फोर्स ने अपने साहस का परिचय देते हुए बस्तर के 12 विधानसभा सीटों पर मतदान सफल करने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.


कुछ इलाकों में सीआरपीएफ के जवानों को नुकसान
बस्तर के आईजी का कहना है कि दुर्भाग्यवश कुछ इलाकों में सीआरपीएफ के जवानों को नुकसान भी हुआ है. अलग-अलग घटनाओं में छह से सात जवान घायल हुए हैं, जिनका उपचार चल रहा है. अभी सभी की स्थिति सामान्य बनी हुई है. वहीं जवानों ने मतदान को प्रभावित करने वाले नक्सलियों को भी मुंहतोड़ जवाब दिया है. मुठभेड़ में कई नक्सलियों को मार गिराने के साथ बीजापुर जिले के अलग-अलग इलाके से 13 आईईडी बम बरामद किए गए हैं. इसके अलावा नारायणपुर, सुकमा में भी पुलिस के जवानों ने जिंदा बम बरामद किए हैं. कांकेर में एक एके-47 हथियार भी बरामद किया है. 


इन इलाकों में फंसी पोलिंग पार्टीज
उन्होंने बताया कि नक्सलियों की कोशिश थी कि कैसे भी मतदान दलों को मतदान केंद्रों तक जाने से रोका जाए. इसके लिए उन्होंने जवानों पर फायरिंग करने के साथ आईईडी ब्लास्ट करने जैसे वारदातों को भी अंजाम दिया. आईजी ने बताया कि बावजूद इसके जवानों और मतदान कर्मियों का मनोबल कम नहीं हुआ और बेहतर तरीके से चुनाव संपन्न कराकर  कुछ मतदान दल वापस लौट चुके हैं, लेकिन अभी भी सुकमा ,दंतेवाड़ा, बीजापुर के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पोलिंग पार्टीज अभी भी फंसी  हुई है,  जिन्हें पूरी सुरक्षा के बीच वापस लाने की जद्दोजहद पुलिस कर रही है. कई जगहों पर हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है. 


आईजी ने बताया कि साथ ही मतदान समाप्त होने के बाद भी घात लगाए नक्सलियों की हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. मतदान दलों को वापस सुरक्षित लाना पुलिस की पहली प्राथमिकता बनी हुई है. आईजी ने बताया कि कुछ मतदान दलों को बुधवार शाम तक ला लिया गया है. वहीं कुछ मतदान दलों को गुरुवार सुबह तक सुरक्षित वापस लाया जाएगा. इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.


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