Chhattisgarh Hindutva Politics: कर्नाटक विधानसभा Karnataka election) चुनाव में बजरंग दल (Bajrang dal) और बजरंग बली (Bajrang Bali) पर सियासी बवाल बीजेपी(BJP) को रास नहीं आई. लेकिन कांग्रेस(Congress) को कर्नाटक में बड़ी जीत मिल गई. इसके बाद कांग्रेस जय बजरंगबली के नारे लगाने से कहीं भी नहीं चूक रही है. इसे समझना है तो चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ को ही देख लीजिए. विधानसभा चुनाव(Vidhansabha Chunav) को महज 5 महीने बचे और कांग्रेस सरकार राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन करा रही है. इसके मायने क्या है? क्या अब कांग्रेस सॉफ्ट हिन्दुत्व(hindutva) को लेकर आने वाले सभी राज्यों के चुनावी मैदान में उतरने वाली है? ये सवाल सियासी उबाल मचा रहा है.


National Ramayan festival के राजनीतिक मायने क्या है?


दरअसल 1 जून से 3 जून तक रायगढ़ के रामलीला मैदान में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया गया है. इसमें देश के 12 राज्य के साथ कंबोडिया (combodia) और इंडोनेशिया (indonesia) देश के भी रामायण मंडली को बुलाया गया है. पहले दिन कार्यक्रम की शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(Cm bhupesh baghel) ने किया और कंबोडिया के रामायण मंडली ने आकर्षक प्रस्तुति दी. लेकिन इस महोत्सव में खास बात ये रही है. आयोजन की शुरुआत हनुमान चालीसा(Hunuman chalisha) के पाठ से हुई है. इसके अलावा ये भी तय किया गया है कि लगातार दिन तक कार्यक्रम की शुरुआत में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा. 


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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ खड़े रहे बजरंगबली !
 
एक और तस्वीर इस महोत्सव में चर्चा का विषय बना रहा है. जब मंच पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भाषण दे रहे थे तब उनके साथ हनुमान(Hunuman) जी थे. यानी एक कलाकार बजरंगबली की वेशभूषा में गदा धारण किए मुख्यमंत्री के साथ खड़े रहे है. इसके अलावा जब मुख्यमंत्री मंच से नीचे गए तो कलाकार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(Cm bhupesh baghel) से मुलाकात की है. वहीं रामायण महोत्सव में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रामचरित मानस(Ramcharit Manas) देकर उनको सम्मानित किया वहीं इस महोत्सव शामिल होने आए बहार के कलाकारों को भी रामचरित मानस दिया जा रहा है. 


छत्तीसगढ़ से क्या है भगवान राम का रिश्ता?


आपको बता दें कि रामायण काल में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कौशल कहा जाता था. माता कौशल्या की जन्मभूमि मानी जाती है. राजधानी रायपुर के चंद्रखूरी में माता कौशल्या(Mata kaushalya) का एकमात्र मंदिर है. इसे डेवलप करने और छत्तीसगढ़ को भगवान राम(Lord Ram) के ननिहाल के रूप में प्रेजेंट करने के लिए कांग्रेस ने पिछले साढ़े चार साल में बड़ा कैंपेन चलाया. छत्तीसगढ़ के जिन जगहों में भगवान राम के कदम पड़े थे, उन जगहों को डेवलप करने का काम शुरू किया गया है. इसका असर अब चुनाव के ठीक पहले देखने को मिल रहा है. कांग्रेस बीजेपी को राम के नाम पर लगातार अटैक कर रही है.


सीएम ने कहा हम सुख दुख में राम को याद करते है बीजेपी के चुनाव के समय


राष्ट्रीय रामायण महोत्सव पर छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस में जमकर सियासत चल रही है. दरअसल गुरुवार को रायपुर एयरपोर्ट में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी और जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि वो(BJP) असुरक्षित महसूस कर रहे है. क्योंकि राम तो आदि और अंत दोनों है. छत्तीसगढ़ से उनका विशिष्ठ नाता है. वो कौशल्या के राम है, शबरी के राम है. वो हमारे भांचा राम है. हम लोग उन्हें अनेक रूप में देखते है. सुख में दुख में हम लोग राम का स्मरण करते है. ये लोग केवल चुनाव के समय वोट के लिए राम को याद करते है. दोनों(कांग्रेस और बीजेपी) में अंतर यही है. मोदी(PM Modi) से पहले महात्मा गांधी(Mahatma Gandhi) हुए कांग्रेस के नेता उनको गोली लगने के बाद प्राण त्यागते हुए उन्होंने हे राम कहा है. ये तो कहते है आजादी भी 2014 के बाद मिली है. ये उसी संस्कृति के लोग है.


बीजेपी ने कहा इस चुनाव में कांग्रेस के राक्षसों का वध सुनिश्चित


इधर, बीजेपी के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर(Ajay Chandrakar) ने रामायण महोत्सव को चुनाव से जोड़ते हुए कांग्रेस के नेताओं को राक्षस बता दिया है. उन्होंने रायपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अरण्यकाण्ड(Aranyakand) में दो घटनाओं का जिक्र है एक भगवान राम के नवधा भक्ति का और दूसरा मारिच, सुबाहू जैसे राक्षसों का वध भी हुआ था. ये कांग्रेसी राक्षस है. उनका वध इस चुनाव में सुनिश्चित है. छत्तीसगढ़ में राक्षसों और उनकी 14 हजार सेनाओं का वध हुआ था. जिन राक्षसों का वध हुआ उसी के बराबर कांग्रेस का वध होगा इनकी भी पूरी 14 हजार सेना का वध होगा.